Sanjay kumar, 30 April
कोरोना महामारी के दौरान लोगों को बीमारी से बचाने के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके लगाए गए थे। भारत में इसका वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था जिसे बाद में भारत समेत दुनियाभर के करोड़ों लोगों को लगाया गया।
महामारी के करीब 4 साल बाद अब एस्ट्राजेनेका ने माना कि उसकी कोविड वैक्सीन लोगों में दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। .एक कानूनी मामले में एस्ट्राजेनेका ने कबूल किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन जिसे दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नाम से बेचा गया था वह लोगों में खून के थक्के जमने समेत कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का कारण बन सकती है। कंपनी ने इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होगा और आम लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा चिंताओं की वजह से एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन अब यूके में नहीं दी जाती है। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है अगर कोर्ट याचिकाकर्ताओं का दावा कबूल कर लेती है तो कंपनी को भारी भरकम भुगतान करना पड़ सकता है।
एस्ट्राजेनेका ने UK हाईकोर्ट के समक्ष क्या-क्या कहा?
एस्ट्राजेनेका के खिलाफ ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया है। स्कॉट का कहना है कि कंपनी की कोरोना वैक्सीन की वजह से वह थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम की समस्या से जूझ रहे हैं वह ब्रेन डैमेज का शिकार हो गए थे।
कंपनी की कोरोना वैक्सीन के खिलाफ दर्जनभर से ज्यादा लोगों ने कोर्ट का रुख किया है इन लोगों का आरोप है कि वैक्सीन लेने के बाद उन्हें साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ा है, इन लोगों ने मुआवजे की मांग की है।