शिक्षा

कम्युनिकेशन स्किल्स एंड पब्लिक स्पीकिंग विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

संजय कुमार

कोटा 27 जुलाई। ओम कोठारी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में शनिवार को ओम कोठारी ग्रुप एवं आईसीडी कोटा चौप्टर के संयुक्त तत्वाधान में कम्युनिकेशन स्किल्स एंड पब्लिक स्पीकिंग विषय पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर वी के जेटली थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड अप्लाइड साइंसेज, इब्राएओमान से आए अतिथिगण डॉ एस एलमपेरिथी, रूद्र प्रसाद महोपात्र, जोसेफ स्टीफन,मिथियां कुंजु थे। कार्यशाला के दौरान संस्थान निदेशक एवं आइएसटीडी कोटा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अमित सिंह राठौड़, पूर्व आइएसटीडी नेशनल प्रेसिडेंट सुश्री अनीता चौहान, गवर्नमेंट कॉलेज अंता से प्रोफेसर संजय गोयल, प्राचार्या डॉ गीता गुप्ता, डॉ स्नेह लता धर्मावत, एमबीए एचओडी मोहित पंत, गायत्री शक्तिपीठ के प्रमुख यज्ञदत्त हाडा, आइएसटीडी कोटा चैप्टर के सेक्रेटरी समीर भार्गव,डॉ कृष्णेन्द्र सिंह, विशाल सचदेवा, सुजाता तातेड, डॉ अन्नपूर्णा भार्गव, कार्यशाला कन्वीनर डॉ मीनल जैन, संचालक प्रतीक गुप्ता, विभिन्न संस्थाओं से पधारे अतिथिगण व्याख्याता गण एवं विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम संचालक द्वारा कार्यशाला के विषय परिचय के साथ हुई। इसके पश्चात उपस्थित अतिथिगणों का ओम कोठारी महाविद्यालय परिवार की ओर से साफा, शॉल व स्मृति चिन्ह द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर बीएड की छात्राओं द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात संस्थान निदेशक डॉ अमित सिंह राठौड़ ने स्वागत उदबोधन देते हुए सभी अतिथियों का उपस्थित जनों से परिचय करवाया।
इसके पश्चात सभी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री वी के जेटली ने कहा कि कम्युनिकेशन स्किल्स सफलता हेतु आवश्यक है। कम्युनिकेशन में आपके ड्रेसिंग सेंस, सॉफ्ट स्किल्स, नॉनवर्बल कम्युनिकेशन सभी का समावेश होता है। इनका उचित उपयोग किसी भी व्यक्ति को विभिन्न मौकों पर सफलता दिलवा सकता है।

इसके पश्चात ओमान से आए वक्ताओं की टीम ने विभिन्न लघु गतिविधियों द्वारा सभी को कम्युनिकेशन स्किल्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि पब्लिक स्पीकिंग सफलता हेतु महत्वपूर्ण है, किंतु इसका कोई शॉर्टकट नहीं है। कम्युनिकेशन स्किल्स व पब्लिक स्पीकिंग को केवल प्रैक्टिस के जरिए ही मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने विभिन्न विद्यार्थियों को स्टेज पर बुलाकर एक्टेंपोर जैसी गतिविधियों के माध्यम से बोलने की शुरुआत करने हेतु कहा। इसके पश्चात अंग्रेजी भाषा के प्रयोग को सुदृढ़ बनाने के लिए उन्होंने कहा कि वोकैबलरी को सीखकर उसके प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा यह सब एक दिन में नहीं होगा, किंतु एक दिन अवश्य होगा। इसके पश्चात उन्होंने पब्लिक स्पीकिंग हेतु स्पीकिंग के साथ-साथ लिसनिंग का महत्व भी बताया। एक्टिव लिसनिंग के जरिए ही अच्छी पब्लिक स्पीकिंग संभव है।

सुश्री अनीता चौहान ने कार्यशाला के दौरान कहा कि कम्युनिकेशन स्किल्स विद्यार्थियों हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जॉब केवल डिग्रियों के जरिए नहीं पाई जा सकती। इस हेतु कम्युनिकेशन स्किल्स आवश्यक है। प्रोफेसर संजय गोयल ने एक कहानी के माध्यम से कहा कि बोलने की शुरुआत आज से ही करनी चाहिए। अगर हम सच्चे दिल से प्रयास करते हैं तो परिस्थितियां स्वतः अनुकूल बन जाती हैं।
कार्यक्रम के अंत में वर्कशॉप कन्वीनर डॉ मीनल जैन ने सभी उपस्थित जनों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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