राजस्थान मौसम

दूसरे दिन भी जमकर बरसे मेघ,195 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई 

प्रमुख संवाद, 7 जुलाई

बारां/शाहाबाद। कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में गुरुवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का दौर शुक्रवार को चला इसके बाद शनिवार को भी देर रात झमाझम बारिश हुई देर रात 2 बजे से शनिवार सुबह 7 बजे तक झमाझम बारिश हुई जिससे नदी नालों में तगड़ा उफान आ गया निचले इलाकों में कई बस्तियों में हल्का फुल्का पानी भी भर गया शनिवार को सुबह मौसम साफ हो गया दिन में हल्की धूप भी खिली जिससे मौसम में उमस बढ़ गई है कुल मिलाकर पहले जोरदार बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से काफी राहत मिली है वहीं जल संकट से भी निजात मिलने की उम्मीद है।

सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई

कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह 6 जुलाई को 195 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है जो इस मौसम की तथा जिले की सर्वाधिक बारिश है।

बारिश थमने के बाद बड़ी उमस

शनिवार को सुबह बारिश थमने के बाद उमस का जोर बढ़ गया दिन में कुछ समय के लिए धूप भी खिली जिससे उमस और गर्मी का जोर बना रहा वहीं जलदाय विभाग द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले कुएं में पानी की जोरदार आवक हुई है और सभी कुएं पानी से लबालब भर गए हैं हालांकि अभी कस्बे में जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है देर शाम समाचार लिखे जाने तक मौसम साफ बना हुआ था

पाइप अवरुद्ध हुए खुलासा करने की मांग की

कस्बे में पुराने बस स्टैंड से घाटी मॉडल स्कूल को जोड़ने वाली सिरसा नदी पर नवनिर्मित रपट में पानी के निकास हेतु पाइप डाले गए थे, लेकिन पहली ही बरसात में आधे से अधिक पाइप चौक हो गए उन में मलवा एवं पत्थर भर गए जिसके कारण पाइपों में से पानी का निकास बंद होने से पानी रपटा के ऊपर से आने लगा है जिसके कारण लोगों को एवं मवेशियों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। कस्बे  के लोगों ने प्रशासन से नदी के पाइपों के आगे के मलवा एवं पत्थरों को हटाने की मांग की है ताकि पाइपों के आगे की सफाई होने से पानी पुलिया के पाइपों में होकर निकले तथा आवागमन बंद ना हो और लोगों को कोई परेशानी ना हो।

नदी में हुए कटान से मठ को खतरा

शाहबाद में हुई जोरदार बारिश के बाद सिरसा नदी में कटान हो गया है जिससे मिट्टी निकालने से नए बस स्टैंड के निकट स्थित मठ को खतरा उत्पन्न हो गया है मिट्टी कटने से प्राचीन मठ का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है और यदि यह कटान आगे भी जारी रहा तो मठ धराशाही हो सकता है

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