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राजपूत क्षत्राणियों का गणगौर महोत्सव, गणगौर क्वीन बनी चेतना शक्तावत, क्षत्राणी कोटा का ताज हिमांशी कंवर हाड़ा के नाम

संजय कुमार

कोटा, 10 अप्रैल। राजपूत क्षत्राणियों का गणगौर महोत्सव बुधवार को रंगबाड़ी रोड़ स्थित शगुन मैरिज गार्डन आयोजित किया गया। आयोजक तरुणा सोलंकी ने बताया कि आयोजन में लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान करने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में क्षत्राणियां परंपरागत वेशभूषा में लाल रंग राजपूताना पोशाक में सोलह श्रृंगार करके शामिल हुई। कार्यक्रम में गणगौर क्वीन,क्षत्राणी कोटा और फुटरा बाईसा में क्षत्राणियों को सम्मानित कर ट्रॉफी,सर्टिफिकेट, पोशाक व उपहार देकर भेंट किए गए। कार्यक्रम में सामूहिक नृत्य हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लाडपुरा विधायक कल्पना देवी रही। इस अवसर पर बूंदी की पूर्व राजपरिवार की सदस्य,रोहणी कुमारी हाड़ा, बूंदी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. गुलाब कंवर व निर्णायक पूर्व मिस राजस्थान करिश्मा हाड़ा एवं रिमझिम हाड़ा ने मिस गणगौर का चयन वेशभूषा,श्रृंगार,नृत्य,विचार व व्यक्तित्व के आधार पर गणगौर क्वीन चेतना शक्तावत व क्षत्राणी कोटा का ताज हिमांशी कंवर हाड़ा को दिया। कार्यक्रम में 300 से अधिक महिलाएं 16 श्रृंगार कर कार्यक्रम में उपस्थित रही।

ईसर गणगौर को लाए,रैम वॉक किया
तरूणा सोलंकी ने बताया कि कार्यक्रम का आगाज गणपति वंदना से हुआ। राजपूतानी महिलाएं गणगौर का पाना लेकर सभा स्थल में आई और गणगौर माता के गीत व पूजन करते हुए,ईसर गणगौर माता को की पूजा की गई। इसके उपरांत नन्ही बालिकाओं से बाईसा व क्षत्राणियों ने नृत्य किया। महिलाओ के सामूहिक नृत्य व घूमर पर जमकर तालियां बजी। एंकर ने गणगौर से जडी प्रथाओं व परम्पराओं पर प्रश्नोत्तरी पूछ कर आकर्षक पुरस्कार वितरित किए। महिलाओं ने स्टेज पर रैप वॉक भी किया।

काजल,पायल,नथ,मांग टिका,सिंदूर,चुडियां,बाजूबंद,बिछिया,मसकारा,गजरा और कमर बंद सहित 16 श्रृंगार करी लाल राजपूतानी महिलाओ ने रैप वॉक पर अपना जादू बिखेरा। उनकी सुंदरता,वेशभूषा,विचार व श्रृंगार के आधार पर गणगौर क्वीन क्षत्राणी कोटा का पुरस्कार दिया गया।

शिक्षा है आभूषण
विधायक कल्पना देवी ने अपने उद्बोधन में बालिकाओं के विवाह के लिए धन व जेवर जोड़ने वाले समाज के अभिभावकों से कहा कि महिलाओ का आज के समय सबसे बडा जेवर उसकी शिक्षा है हमें बालिका शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए और उसे आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बालिका के कठिन समय में शिक्षा ही उसका साथ देगी और वह गलत व सही का भेद कर सकेगी। उन्होने बना में भी संस्कारों की सीख पर जोर देने हुए कहा कि घर की बहन व मां का सम्मान करना हम उन्हे सिखाएं।

संस्कारों व परम्परा से जुड़े
कश्मीर से कोटा पहुची महारानी कल्पना देवी ने कहा कि हम जहां रहते है वहां की परम्परा व संस्कारों को हमेशा अपने अंदर जोड़कर रखे। इस अवसर उन्होने अपनी मारवाडी भाषा या हाड़ौती की भाषा से जुडे रहने की बात भी कही। उन्होने कहा कि घर में छोटे बच्चों हम यह सीख नहीं डालेंगे तो बड़े होकर इन्हे अपना नहीं सकते है। उन्होने गणगौर की सभी को शुभकामनाएं भी दी।

बेटियों को सबल बनाएं
बूंदी की पूर्व राजपरिवार की सदस्य,रोहणी कुमारी हाड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें सबका साथ व सबका विकास की भावना से कार्य करना चाहिए। हमें खुद आगे बढ़ना है और ओरो को भी साथ लेकर चलना है। बूंदी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. गुलाब कंवर ने कहा कि महिलाएं अन्नपूर्णा होती है परन्तु व खुद के भोजन पर ख्याल नहीं रखती है। उन्होंने पूरी नींद लेने व न्यूट्रीशन के युक्त भोजन करने की सलाह दी। उन्होने महिला में सरस्वती,लक्ष्मी व दुर्गा का रूप बताते हुए उसकी शक्ति व सामर्थ्य की बात कही। निर्णायक पूर्व मिस राजस्थान करिश्मा हाड़ा ने अपनी जड़ो से जुड़े रहने की बात कही। रिमझिम हाड़ा ने बेटियों को सबल बनाने की बात कही और कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं होती है उन्हे अवसर व समर्थन मिली तो वह आसमान छू सकती है।

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