धर्म

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज को समग्र दिगम्बर जैन समाज ने दी विनयांजलि

संजय कुमार

कोटा, 24 फरवरी / दिगंबर जैन सरोवर के राजहंस विश्व वंदनीय जैन आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की दिनांक 17 फरवरी शनिवार तदनुसार माघ शुक्ल अष्टमी पर्वराज के अंतर्गत उत्तम सत्य धर्म के दिन रात्रि में 2:35 बजे चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि ब्रह्म में लीन हो गए है। विधीवत संल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर अपना मोक्ष मार्ग प्रशस्त कर लिया l आपका देह विलोपन आचार्य और सन्त परम्परा के एक युग का अन्त माना जा रहा हे l आप एक युग पुरूष के रूप मे सदा ही हमारी भावनावो में समाहित रहेगें l प्रेरित करते रहेगें l इस खबर से समुचित जैन समाज के साथ सर्व समाज के लोग आहत हैं किसी को विश्वास ही नहीं हो पा रहा आचार्य श्री अब हमारे बीच नहीं रहे आज दिगंबर जैन पुण्योदय अतिशय क्षेत्र नसिया जी दादाबाड़ी कोटा में णमोकार मंत्र के जाप, बड़े बाबा का जाप ,वह भक्तामर पाठ दीप प्रज्ज्वलित कर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया जहां महिला मंडलों, बालक छात्रावास के छात्र, व बालिका छात्रावास की छात्राएं पुण्योदय अतिशय क्षेत्र नसिया जी की कमेटी युवा वर्ग के साथ शहर व समाज के गणमान्य जनों द्वारा विनयांजलि दी गई

दीप प्रज्जवन से हुई विनयांजलि सभा प्रारंभ

सभा के प्रारंभ में आचार्य श्री के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन समग्र दिगम्बर जैन बघेरवाल सामाजिक संस्था के प्रांतीय व: श्री दिगम्बर जैन भगवान महावीर संस्थान अध्यक्ष सुरेश हरसौरा, प्रांतीय मंत्री राजेंद्र ताथेड़िया, नगर अध्यक्ष शिखर सेठिया, नसिया जी मंदिर के अध्यक्ष जम्बू जैन सर्राफ महावीर संस्थान के महामंत्री मनीष जैन मोहिवाल गोपाल जी वकील साहब चेतन जी सरवाडिया अनिल जी ठोरा, पारस जी हरसौरा अलोद वाले मुनि पुंगव श्री सुधासागर बालिका छात्रावास अध्यक्ष अर्चना रानी जैन दुगेरिया सर्राफ ने दीप प्रज्ज्वलित किया

आचार्य श्री के अनंत उपकार से कोटा व चांदखेड़ी अतिशय क्षेत्र मे चातुर्मास मिला

चंद्रोदय तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष व महावीर संस्थान ,नसिया जी मंदिर के निर्देशक हुकुम जैन काका ने बताया कि आचार्य श्री का मुझ पर अनंत उपकार वह कृपा रही कि उनके द्वारा परम पूज्य गुरुदेव निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के कोटा वह चांदखेड़ी अतिशय क्षेत्र को दो चातुर्मास का मौका मिला

मुनि पुंगव श्री सुधासागर बालिका छात्रावास अध्यक्ष अर्चना रानी जैन दुगेरिया सर्राफ ने बताया कि तप त्याग ध्यान संयम चारित्र सम्यक दर्शन से युक्त पूज्य आचार्य गुरु भगवत विद्यासागर जी महाराज का आभामंडल ओहरा इतना प्रभावशाली है कि हम संसारी भी अगर उनके समक्ष बैठते हैं तो हमारे विचार संयमित हो जाते हैं और बहुत ही भद्र विचार मन में आते हैं और कुछ त्याग करने का भाव मन में आ जाता है ऐसा मेरे जीवन में प्रत्यक्ष घटित हुआ है बालिका छात्रावास एवं बालक छात्रावास के बच्चो ने भी अपने संस्करण सुनाएं

,नसिया जी मंदिर के अध्यक्ष जम्बू जैन सर्राफ ने कहा कि इस पुनीत कार्य के लिए पुण्योदय अतिशय क्षेत्र नसिया जी दादाबाड़ी कोटा को चुनने के लिए समग्र दिगम्बर जैन बघेरवाल सामाजिक संस्था व: श्री दिगम्बर जैन भगवान महावीर संस्थान का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया और धन्यवाद दिया कहा कि हमारे पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री ने दशो दिशाओं में काम किया है ऐसी बहुगुणी बहुउद्देश्यीय, बहुकल्याणकारी विचारधारा दुर्लभतम दुर्लभ होती है। , नसिया जी मंदिर प्रगाण में गौशालाओं की श्रंखला के माध्यम से मुक पशुओं की व पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय मानव जाति की सेवा की जा रही है शीघ्र ही आचार्य विद्यासागर हथकरघा केंद्र रोजगार का माध्यम बनेगा । वे धरती पर स्वय तीर्थंकर का रूप थे

सह मंत्री धर्म चंद आलोद वाले, ने सुझाव दिया कि आचार्य श्री की स्टैचू विद्यासागर वाटिका में लगाना चाहिए जिससे आचार्य श्री हमेशा हमारे दिलों में याद रहे

महामंत्री मनीष जैन मोहिवाल ने बताया इस अवसर पर नसिया जी मंदिर के परम संरक्षक राजेंद्र हरसौरा , डा संतोष जैन , कैलाश जैन पापड़ीवाल प्रांतीय कोषाध्यक्ष जिनेन्द्र दुगेरिया नगरीय मंत्री नवीन दोराया कोषाध्यक्ष लोकेश जैन निहाल  धनोपिया अशोक खादी हुकम जैन एडवोकेट महावीर मित्तल विवेक ठोरा भानु  बोरखंडिया लक्ष्मीकांत बाबरिया, धर्म चंद आलोद वाले,राजेन्द्र बागडिया, अशोक बरमूंडा उपस्थित थे

अर्पित शास्त्री ने आचार्य श्री जी के प्रति विनयांजलि व्यक्त करते हुए बताया कि जो व्यक्ति दिन भर श्रम करता है वही रात्रि को चैन की नींद सो पाता है आचार्य श्री जी ने जीवन भर जिनेन्द्र भगवान के द्वारा बताये मार्ग पर चल कर स्वयं के जीवन एवं सम्पूर्ण विश्व हित में अनेक कार्य करते हुए परम समाधि को प्राप्त हो गए उन्होंने जिस प्रकार जीवन भर धर्म की सेवा की है उनके प्रति हमारी सच्ची विनयांजलि तभी सार्थक मानी जायेगी जो हमें आचार्य श्री जी विरासत में धर्म तीर्थ एवं चलते फिरते तीर्थ के समान उत्कृष्ट चर्या वाले मुनि संघ प्रदान करके गए है उनकी रक्षा करना उनकी सेवा करना यही हमारे लिए सच्ची विनयांजलि होगी

अभिषेक शास्त्री ने बताया कि जिस प्रकार आदिनाथ भगवान ने षठ कर्मों की प्रेरणा देकर पूरे विश्व के उपर अनंत उपकार किए है उसी प्रकार आचार्य श्री जी ने अपने संपूर्ण जीवन काल में विश्व के हित में सैकड़ों गौ शालाएं, बेटियो के लिए प्रतिभास्थली,पूर्णायु जैसे अनेक हॉस्पिटल, आयुर्वेद चिकित्सा, हथकरघा इत्यादि अनेक कार्य उनकी सत प्रेरणा से संपन्न हुए आचार्य श्री जी का एक हाइकु उन्होंने बताया कि तेरी दो आँखें,तेरी ओर हज़ार,सतर्क हो जा | संचालन गोपाल जैन एडवोकेट ने किया

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