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श्री बड़े मथुराधीश मन्दिर का बदलेगा आधारभूत ढांचा, होंगे विकास के कार्य, पर्यटन विभाग से हुई चर्चा, बनी सहमति

संजय कुमार

कोटा, 9 अप्रैल। राज्य सरकार की ओर से कोटा के पाटनपोल स्थित श्री बड़े मथुराधीश मन्दिर पर विकास कार्य कराए जाएंगे। जिसे लेकर प्रथम पीठ युवराज मिलन बावा और पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक (विकास) राजेश कुमार शर्मा के बीच पर्यटन भवन जयपुर में विस्तृत चर्चा हुई है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में लेखानुदान 2024- 25 में प्रदेश के 20 मंदिरों में 300 करोड़ की राशि से विकास कार्य कराने की घोषणा की गई थी। जिसमें शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर में भी जनसुविधा के विकास कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। इस घोषणा की क्रियान्विति के क्रम में पीठ के युवाचार्य मिलन बावा और पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक (विकास) राजेश कुमार शर्मा के बीच चर्चा हुई है।

प्रथम पीठ के युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने बताया कि देश में वल्लभ संप्रदाय की सप्तपीठ में से प्रथम पीठ कोटा में श्री मथुराधीश मंदिर के रूप में मौजूद है। यदि काशी विश्वनाथ की तर्ज पर नंदग्राम के नाम से प्रसिद्ध कोटा के पाटनपोल को रिवर फ्रंट से जोड़ा जाए तो हाडोती में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। मन्दिर के विकास से पर्यटन के साथ रोजगार भी बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। वे सभी प्रथम पीठ के दर्शन करने के लिए कोटा आना चाहते हैं, लेकिन आधारभूत ढांचा विकसित नहीं होने के कारण कोटा में पर्यटकों का अभाव रहता है। उन्होंने कहा कि श्री मथुराधीश मंदिर तकरीबन 550 साल पुराना है और यहां पर तकरीबन 350 साल से मथुराधीश प्रभु विराजमान हैं। श्री मथुराधीश मंदिर की रिवर फ्रंट से पैदल दूरी केवल 5 मिनट की है। मंदिर के पीछे का कॉरिडोर रिवर फ्रंट को छूता है। यहां बृजेश्वर जी के मन्दिर पर पार्किंग का निर्माण कराया जा सकता है। यहीं पर श्री विट्ठलनाथ जी की पाठशाला है। जहां पर धर्मशाला का निर्माण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि जब तक होटल और धर्मशाला नहीं बनेंगे तब तक दूसरे प्रदेशों के पर्यटक नहीं आ पाएंगे। बाहर के दर्शनार्थी, भक्त और पर्यटक आएंगे तो आर्थिक समृद्धि भी आएगी। इसके लिए पाटनपोल के बाजार का फ्रंट लिफ्ट एक जैसा बना सकते हैं। अभी मंदिर के पास केवल 100- 200 दर्शनार्थियों के लायक ढांचा विकसित है। इसे 500 से 1000 दर्शनार्थी, भक्त और पर्यटकों के हिसाब से विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

मिलन बावा ने बताया कि टेंपल बोर्ड ने भी विकास का अपना प्लान बनाया हुआ है। वहीं सरकार का प्रपोजल भी इसी अनुसार तय करने पर चर्चा हुई है। इस प्राचीन मंदिर को बिना छेड़छाड़ किए हुए सौंदर्यकरण और ठाकुर जी के उत्सव के लिए भव्य प्रांगण में ऑडिटोरियम बनाने पर भी विचार चल रहा है।

कोटा में मथुराधीश मन्दिर प्रथम पीठ के युवाचार्य मिलन बावा से मंदिर के जनोपयोगी आवश्यक विकास कार्यों के संबंध में विस्तार से विचार विमर्श किया गया है। प्रोजेक्ट की कार्यकारी एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाया गया है। इसे लेकर जल्दी ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। “
—-राजेश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक (विकास), पर्यटन विभाग, राजस्थान

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