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राजकीय महाविद्यालय कोटा की प्रोफेसर ने लिया अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में हिस्सा

प्रोफेसर वंदना शर्मा ने पेरिस (फ़्रांस) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में पढा शोध पत्र

संजय कुमार

कोटा, 3 जुलाई। राजकीय महाविद्यालय कोटा के वनस्पति विभाग की प्रोफेसर वंदना शर्मा ने पेरिस (फ़्रांस) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस “ट्रेडिशनल मेडिसिन, ऐथनो मेडिसिन एंड नेचुरल थेरेपी 20—22 जून को पेरिस (France) में भाग लिया और शोध पत्र पढ़ा । प्रोफेसर शर्मा ने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने शोध पत्र में हाड़ौती के आदिवासी क्षेत्रों के औषधीय पादपों का अध्ययन कर विभिन्न बीमारियों के उपचार में किस तरह इन महत्वपूर्ण पादपों का उपयोग किया जाता है, की विस्तृत जानकारी दी। प्रो. शर्मा ने बताया न केवल हाड़ौती क्षेत्र में वरन् संपूर्ण भारत के आदिवासी एवं जनजातीय क्षेत्रों में आज भी बीमारियों के उपचार में एथनोमेडिसिन पद्धति का प्रयोग होता है प्रोफेसर शर्मा ने इन सभी महत्वपूर्ण औषधीय पादपों में उपस्थित जैव सक्रिय रसायन (द्वितीयक मेटाबॉलाइट्स ) जो की बीमारियों के उपचार के लिए उत्तरदायी होते है की भूमिका के बारे में विस्तृत रूप से बताया ।फार्म कम्पनी द्वारा इन जैव सक्रिय योगिकौ का निष्कर्षण करके दवाओं के फार्मूलेशन के लिए उपयोग मैं लाया जाता है, पद्वति से श्वसन संबंधित बीमारियाँ, कैंसर, डायबिटीज, एपिलेप्सी, पीलिया जैसे बीमारियों का उपचार संभव है । वर्तमान में वनों के दोहन होने के कारण ये महत्वपूर्ण औषधीय पादप विलुप्त हो रहे है। एथनोमेडिसिन पद्धति को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है इन महत्वपूर्ण औषधीय पादपों का डॉक्यूमेंटेशन एवं इन पादपों का प्राकृतिक आवास में (इन-सीटू) एवं बाहर (एक्स- सीटू) संरक्षण की।

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