स्व. दाऊदयाल जोशी की 26वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, दाऊजी का जीवन सदैव हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा
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संजय कुमार
कोटा, 16 जनवरी। वैद्य दाऊदयाल जोशी स्मृति संस्थान की ओर से मंगलवार को स्व. दाऊदयाल जोशी की 26वीं पुण्यतिथि पर सीएडी स्थित पार्क में पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा को शहर के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक समेत अन्य गणमान्य नागरिकों ने संबोधित किया। इस दौरान रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया था। जिसमें 25 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
सभा के दौरान मुख्य अतिथि रेडक्रॉस सोसायटी के स्टेट प्रेसीडेंट राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि वैद्य दाऊदयाल जोशी स्वभाव से सरल और सर्वसुलभ थे। वे विराट व्यक्तित्व के धनी थे। सामान्य कार्यकर्ता से सांसद बनने का सफर तय करने के बाद भी उनमें कार्यकर्ता के प्रति सदैव समर्पण का भाव रहता था।
पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी ने कहा कि प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का सपना देखने वाले लोगों में हमारे दाऊजी भी थे। उन्हें समाज में सम्मान केवल राजनीति के कारण नहीं मिलता था, बल्कि उनके स्नेह, प्रेम और करुणा के कारण लोग उन्हें आज भी याद करते हैं। सुमन श्रृंगी ने कहा कि वह जब दिन में चलते थे तो कहीं पर पड़ा हुआ कचरा देखकर उसे हटाने के लिए फोन करते थे और रात में चलते थे तो बंद पड़ी हुई लाइटों को चालू करवाने के लिए। श्रीरामजन्मभूमि के लिए उनका संघर्ष सदैव अविस्मरणीय रहेगा। वे गृहस्थ जीवन में रहकर भी संत हृदय रखते थे।
सभा में रामधाम आश्रम के स्वामी लक्षमणदास महाराज ने कहा कि कोटा में ही नहीं देशभर में दाऊजी को लोग याद करते हैं। देश को आज दाऊजी जैसे राजनेताओं की जरुरत है। आज 26 वर्ष बाद भी दाऊजी की स्मृतियां लोगों के मानस पटल पर अंकित हैं।
भाजपा देहात अध्यक्ष योगेंद्र नंदवाना ने कहा कि दाऊजी का सामाजिक और राजनीतिक जीवन प्रेरणा देता है। उन्होंने संघर्ष करते हुए जनसंघ को भाजपा तक पहुंचाया, यही हमारी विरासत है। उनके चरण चिन्हों पर चलने का प्रयास ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
महापौर राजीव अग्रवाल भारती ने कहा कि दाऊजी की ईमानदारी, सहजता और सरलता को आत्मसात करने की जरूरत है। उनके आदर्शों को राजनीति में अपनाया जाना चाहिए। स्व. दाऊजी मतभेदों से सदैव दूर रहे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व में सरलता थी। विनम्रता दाऊजी के जीवन का संस्कार थी। दाऊजी के जीवन में आध्यात्मिकता थी।
रविंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि दाऊजी चुनाव लड़ने के लिए कभी नहीं जिए। वे सदैव संगठन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जीते रहे। जनसंघ के कार्यकर्ता को कभी हेय दृष्टि से देखा जाता था। दाऊजी के कठिन परिश्रम से आज भाजपा खड़ी है और उनके जैसे लोगों के कारण आज देश में 10 साल से पूर्ण बहुमत की सरकार है। रविंद्रसिंह सोलंकी ने कहा कि ऐसे लोगों की मेहनत से ही आज 370 हटाना संभव हो पाया और राम जी का भव्य मंदिर बन रहा है।
पूर्व शहर अध्यक्ष मनमोहन जोशी ने कहा कि दिखावा करना उनके व्यक्तित्व का गुण नहीं था। दाऊजी केवल एक व्यक्ति नहीं वह संपूर्ण विचार थे। जिसकी आज पार्टी को महती आवश्यकता है। वह राजनीति में जो अध्याय लिखकर गए उसे हम सबको पढ़ना चाहिए। कोटा व्यापार महासंघ के अशोक माहेश्वरी ने कहा कि दया और करूणा की असीम अभिव्यक्ति वाले दाऊजी के पदचिन्हों पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।
पंकज मेहता ने कहा कि दाऊदयाल जोशी के जीवन मूल्य और कार्यशैली मौजूदा पीढी के लोगों के लोगों के लिए पथ प्रदर्शक हैं। वे सभी विचारधारा के लोगों से ‘राम राम’ रखते थे। उन्होंने पार्टी और विचार के आधार पर कभी भेदभाव नहीं किया। वे शुचिता के श्रेष्ठ उदाहरण थे।
भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पंवार ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को अंगीकार कर उसके अनुरूप जीवन को ढालने का कार्य स्व. दाऊजी ने किया था। उन्होंने साबित किया कि व्यक्ति सिद्धान्तों के साथ भी राजनीति कर सकता है।
संचालन करते हुए संस्थान के अध्यक्ष योगेन्द्र खींची ने स्व. दाऊदयाल जोशी की जीवन यात्रा पर प्रकाश डाला। महामंत्री मृगेंद्र जोशी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हेमराज सिंह हाड़ा, पूर्व महापौर महेश विजय, पार्षद सुनील गौतम, हिरेंद्र शर्मा, जीडी पटेल, अलका मेवाड़ा, ललित शर्मा समेत कईं लोग मौजूद रहे।