एक जिला ऐसा जहां दीपावली मनाने की अनूठी परंपरा, जानिए पूरा मामला?
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Sanjay Chobisa, 11 Nov 2023
देश भर में दिवाली की धूम है, बाज़ारों में रौनक देखने को मिल रही है। आमतौर पर कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाते हैं। वहीं बिहार में एक ऐसा ज़िला है, जहां दिवाली मनाने की अलग परंपरा है। यहां चतुर्दशी (दिवाली से एक दिन पहले) को ही दिवाली मनाई जाती है।
बिहार के दरभंगा जिले दो गांवो में पूर्वजों के ज़माने से चली आ रही परंपरा को लोग उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। नवादा गांव (बेनीपुर प्रखंड) और पघारी गांव (बहेड़ी प्रखंड) में आज की तारीख में एक दिन पहले दिवाली मनाई जाती है। इस दौरान आतिशबाजी के साथ नवादा और पघारी गांव भगवती के आगे उल्काफेरी भी की जाती है।
आपको बता दें कि इन दोनों गांवों में दिवाली के दिन ही लक्ष्मी पूजा की जाती है। ग्रामीणों की मानें तो यह परंपरा दरभंगा महाराज के समय से ही चली आ रही है। वहीं कुछ बुज़ुर्गों को कहना है कि नवादा के आदि पुरुष पंडित रत्नाकर झा ने इसी दिन मां हयहट्ट देवी की उपासना शुरू की थी। इसी की याद में एक दिन पहले दिवाली मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
पघारी गांव में एक दिन पहले दिवाली मनाने की पीछे कुछ बुज़ुर्गों का कहना है कि बजरंगबली की पैदाइशर्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हुआ था। इसी वजह से गांव में एक दिन पहले दिवाली मनाई जाती है। इसके अलावा कुछ नवादा और पघारी गांव के कुछ ग्रामीण एक और तर्क देते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दरभंगा महाराज के दरबार में नौकरी की वजह से दिवाली के दिन छुट्टी नहीं होती थी। इसलिए ही गांव के लोगों ने एक दिन पहले ही दिवाली मनाने की परंपरा शुरु की। जो कि आज तक चली आ रही है। नवादा और पघारी गांव के लोग पूरे उत्साह के साथ पर्व मनाते हैं। उल्का फेरकर दरिद्रता भगाने के साथ ही दीपमाला भी बनायी जाती है।