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सुसाइड संवेदनशील विषय, संतुलित विश्लेषण और सकारात्मक नजरिया रखें विशेषज्ञ

नए आपराधिक कानूनों में महत्वपूर्ण हो गई है फोरेंसिक विशेषज्ञों की राय

प्रमुख संवाद

कोटा, 18 अक्टूबर।
भारत की सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के आपराधिक कानूनों को बदल दिया है। अब विज्ञान और तर्क शास्त्र के आधार पर न्याय मिल सकेगा। नए आपराधिक कानूनों में फोरेंसिक विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण हो गई है। यह विषय आमजन से जुड़ गया है। यह बात ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को बूंदी रोड स्थित होटल मेनाल में कही। वे फोरेंसिक मेडिसिन एवं एक्सीकोलोजी डिपार्टमेंट की और से आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान रोल ऑफ फोरेंसिक मेडिसिन इन सोसायटी एंड पब्लिक हेल्थ विषय पर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए।

उन्होंने कहा कि कोटा की पहचान कोचिंग से है। कई डॉक्टर्स ने यहां आकर अपना सपना पूरा किया है। कुछ समय से कोटा में दुर्भाग्यपूर्ण माहौल बनाया गया है। जिसे लेकर सरकार चिंतित है। इस संवेदनशील विषय पर विशेषज्ञ संतुलित विश्लेषण और सकारात्मक नजरिया रखें।

नए कानूनों और मुकदमों में वैज्ञानिक अनुसन्धान पर जोर है। विशेषज्ञ नवाचार, अनुसंधान, अनुभव साझा कर इस क्षैत्र की चुनौतियों से मुकाबला किया जा सकता है।

कार्यक्रम में सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना, फोरेंसिक एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ. एसआर कोचर, आयोजन समिति अध्यक्ष अशोक मूंदड़ा, सचिव विनोद गर्ग मौजूद रहे।

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