Trendingटॉप न्यूज़देश

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर एक और हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ

Sanjay kumar, 16 July

IAS Puja Khedkar Certificate: ऑडी कार में नीली बत्ती और ट्रेनिंग के दौरान पर्सनल ऑफिस जैसी वीआईपी मांगों को लेकर देशभर में चर्चाओं में आईं महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर रोजाना नए-नए खुलासा हो रहे हैं। विकलांगता के बारे में झूठ बोलने के आरोप के बीच अब ट्रेनी आईएएस को लेकर एक और हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है।

नई मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि पूजा खेडकर ने पुणे के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से भी नकली विकलांगता सर्टिफिकेट बनवाने की कोशिश की थी। हालांकि इस हॉस्पिटल ने इसे बनाने से इनकार कर दिया था।

तीसरा सर्टिफिकेट बनाने का किया प्रयास

दरअसल, पहले दो मेडिकल प्रमाण पत्रों को लेकर चल रहे विवाद के बीच टाइम ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक आईएएस अफसर ने तीसरा सर्टिफिकेट पाने के लिए काफी दबाव भी बनाया था, लेकिन अस्‍पताल ने नियमों व प्रोटोकॉल का हवाला देकर बनाने से साफ इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि इस तीसरे सर्टिफिकेट के पीछे उनका मकसद शारीरिक रूप से विकलांग साबित करना था।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ऑन प्रोवेशन सिविल सर्विस अधिकारी पूजा ने अगस्त 2022 में पुणे के औंध अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। विशेष रूप से लोकोमोटर विकलांगता कैटेगरी में।

पूजा ने पेश किए थे दो सर्टिफिकेट

लोकोमोटर विकलांगता से मतलब है किसी भी प्रकार के मस्तिष्क पक्षाघात या हड्डियों, जोड़ों या मांसपेशियों की ऐसी स्थिति से है जो अंगों की गति को काफी हद तक प्रतिबंधित करती है। बता दें कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी में दो मेडिकल प्रमाण पत्र पेश किए थे, जिसमें से एक में उन्‍होंने खुद को आंखों से कम दिखना बताया था और दूसरे में मानसिक बीमारी की बात कही गई थी। इन दोनों प्रमाण पत्रों के सहारे वो यूपीएससी परीक्षा की पीडब्‍ल्‍यूबीडी कैटेगरी के तहत चयनित हुई हैं

मेडिकल फिटनेस को लेकर दावा

श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज और जनरल हॉस्पिटल के निदेशक अरविंद भोरे ने न्यूज एजेंसी एएनआई को काया कि , “उन्होंने (पूजा खेडकर) 2007 में प्रवेश लिया था। उन्हें सीईटी के माध्यम से प्रवेश मिला था, जहां उन्होंने आरक्षण के कुछ प्रमाण पत्र दिए थे। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र, जाति वैधता और गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। उन्होंने मेडिकल फिटनेस का प्रमाण पत्र भी पेश किया था, जिसमें किसी विकलांगता का जिक्र नहीं है।”

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर, जो मौजूदा वक्त में मानसिक और दृष्टि संबंधी विकलांगता के बारे में झूठ बोलने और पद के कथित दुरुपयोग के लिए जांच के घेरे में हैं, उनको लेकर सामने आया है कि उन्होंने पुणे के एक अस्पताल से तीसरा मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल करने का भी प्रयास किया, जिसे अस्पताल ने अस्वीकार कर दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button