धर्म

श्रीराम नवमी पर शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री मथुराधीश मंदिर पर पंचामृत दर्शन होंगे।

संजय कुमार

कोटा, 16 अप्रैल। श्रीराम नवमी पर शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री मथुराधीश मंदिर पर पंचामृत दर्शन होंगे। वहीं रामनवमी से उष्ण प्रकृति के व्यंजन का भोग आरोगाना बन्द हो जाएगा। इससे पहले मंगला दर्शन के बाद प्रभु को चन्दन, आवंला एवं फुलेल से अभ्यंग कराया जाएगा ।

प्रथम पीठ युवराज श्रीमिलन बावा ने बताया कि पुष्टिमार्ग में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों में से चार अवतारों श्रीकृष्ण, श्रीराम, श्रीनृसिंह एवं श्रीवामन को विशेष मान्यता दी है। इस कारण इन चारों अवतारों के जन्म दिवस को पुष्टिमार्ग में जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान विष्णु के दशावतारों में से श्री महाप्रभुजी ने भगवान विष्णु के दस अवतारों में ये चारों अवतार प्रभु ने निसाधन भक्तों पर कृपा के लिए लिए थे। इनकी लीला को पुष्टिलीला माना गया है। पुष्टि का एक शाब्दिक अर्थ कृपा भी है। उन्होंने बताया कि उष्ण प्रकृति के होने के कारण रामनवमी से ही प्रभु को सभी प्रकार के जमीकंद रतालू, सूरण, अरबी और शकरकंद आदि पदार्थ नहीं अरोगाये जाएंगे। ये जमीकंद भी आगामी विजयदशमी से फिर से अरोगाये जाने प्रारंभ होंगे। प्रभु के सुख को ही पुष्टिमार्ग में प्रमुख माना है अतः भोज्य पदार्थ से लेकर सभी समर्पित की जाने वस्तुओं ऋतु काल अनुसार प्रभु सुख का ध्यान रखा जाता है। इसलिए पुष्टिमार्ग विशेष है।

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