संजय कुमार
कोटा, 5 अप्रैल। नगर निगम कोटा दक्षिण में एक ही दल का महापौर एवं नेता प्रतिपक्ष होने के विरूद्ध कांग्रेसी पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सोपा। ज्ञापन सौंपने वाले पार्षदों में इसरार मोहम्मद, ऐश्वर्या श्रृंगी, देवेश तिवारी, तबस्सुम मिर्जा, साहेब हुसैन, शिवांगिनी सोनी, शाईना, कुलदीप गौतम, सलीना शैरी, इति शर्मा, धनराज गुर्जर, शीला पाठक, पिंकी कुमारी, मोहनलाल नंदवाना, अख्तर मोहम्मद, सुमन, अनुराग गौतम, सोनू भील, मोनिका मौजूद रहे।
पार्षद इसरार मोहम्मद ने बताया कि हम सभी कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस पार्टी से निर्वाचित पार्षद है। नगर निगम चुनाव के पश्चात् दिनांक 10.11.2020 को प्रशासन द्वारा नगर निगम दक्षिण में महापौर पद का चुनाव करवाया गया था, जिसमें कांग्रेस प्रत्याक्षी राजीव अग्रवाल 41 मत लेकर विजयी घोषित किये गये एवं नगर निगम कोटा दक्षिण के प्रथम महापौर के रूप में शपथ ली। राजीव अग्रवाल के निर्वाचन से नगर निगम दक्षिण में कांग्रेस पार्टी का बोर्ड गठित हुआ, जिसके कारण प्रतिपक्षी पार्टी द्वारा विवेक राजवंशी को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया।
दिनांक 30 मार्च 2024 को कांग्रेस के महापौर राजीव अग्रवाल द्वारा भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुये कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया, लेकिन आज दिनांक तक नियमानुसार उनके द्वारा अपने पद से इस्तीफा नही दिया गया है, साथ ही स्वयं द्वारा जारी बयानो में उन्होने अब नगर निगम दक्षिण में भाजपा बोर्ड होना घोषित कर दिया है।
राजीव अग्रवाल द्वारा इस सम्पूर्ण प्रकरण की कोई लिखित सूचना ना तो अभी तक नगर निगम प्रशासन को दी गई है और ना ही किसी प्रकार का पत्राचार निदेशक, स्वायत्त शासन विभाग एवं आपको किया गया है। उनका यह कार्य लोकतंत्र अवमानना करना है। नगर पालिका अधिनियम 2009 के द्वारा जारी निर्देशानुसार कोई भी निर्वाचित जन प्रतिनिधि नियम विरूद्ध अपनी मनमानी या तानाशाही नहीं कर सकता है। इसके साथ ही जब अगवाल द्वारा स्वःविवेक से नगर निगम कोटा दक्षिण के बोर्ड को भारतीय जनता पार्टी का होना घोषित कर दिया गया है, तब भी आज दिनांक तक नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी द्वारा आज दिनांक तक नेता प्रतिपक्ष को नगर निगम द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को उपयोग में लिया जा रहा है।
अतः उक्त पत्र के माध्यम से निवेदन है कि “राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 24 की उप धारा 10 के तहत अध्यक्ष / महापौर का अन्य विपक्षी दल की सदस्यता लेने पर अयोग्य घोषित हो जाता है एवं राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के खण्ड (ग) के तहत अध्यक्ष/महापौर अपने निर्वाचन के पश्चात् धारा 14 या धारा 24 में वर्णित कोई निरर्हत उपगत कर ली है या वह धारा 21 की अपेक्षाओं को पूरा नही करता है, तो राज्य सरकार तुरन्त निष्काशित करें।” अनुसार कार्यवाही कर प्रकरण की गम्भीरता एवं नियमो की अवहेलना होने के कारण महापौर या नेता प्रतिपक्ष को अपने पद से हटाया जायें, साथ ही उनके द्वारा उपयोग में लिए जा रहे सरकारी कार्यालय, सुरक्षाकर्मी एवं अन्य प्रदत्त सुविधाओं को बंद किया जाए एवं नगर निगम प्रशासन को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया जाए जिससे राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के सम्मान को बचाया जा सके।