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अहिंसा मय हुई शिक्षा नगरी, महावीर के संदेशो के साथ निकली सकल जैन समाज की अहिंसा पदयात्रा

संजय कुमार

कोटा। जियो और जीने दो,अहिंसा परमो धर्म,सत्य व अहिंसा का तख्तियां लिए हजारों जैन समाज के महिला व पुरूष। महावीर के संदेश और जयकारों से गुंजता पदयात्रा मार्ग,उत्साह व उमंग के साथ महिला बैण्ड और कतारबद्ध होकर पीले वस्त्रो में महिलाएं और  श्वेत वस्त्र में पुरुष यह नजारा था,तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष्य में दिगम्बर व श्वेताम्बर जैन समाज कोटा महानगर में आयोजित अहिंसा पदयात्रा का।

पदयात्रा संयोजक विजय दुगेरिया ने बताया कि सकल जैन समाज द्वारा आयोजित सामूहिक पदयात्रा शनिवार सुबह 7 बजे घटोत्कक्ष चौराहे से रवाना हुई। सकल जैन समाज के मुख्य संयोजक जे के जैन,संयोजक रेखा हिंगड़,सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन नांता व मंत्री विनोद जैन टोरडी,रविन्द्र त्यागी,पंकज मेहता,श्वेताम्बर समाज के अध्यक्ष राकेश श्री श्रीमाल गुणायचा व लोकेश डांगी ने हरि झण्डी दिखाकर रवाना किया।
प्रचार मंत्री मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि अहिंसा पदयात्रा घटोत्कक्ष से प्रारंभ होकर,महावीर नगर तृतीय चौराहा,महावीर नगर द्वितीय,तलवंडी सर्किल,जवाहर नगर होती हुई भगवान महावीर के जयकारों के साथ दानबाडी पहुंची जहां वह सभा में परिवर्तित हो गई। पदयात्रा में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल,नागरिक बैंक अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला,भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन मडिया,राजमल पाटोदी,कार्याध्यक्ष प्रकाश बज,विकास जैन अजमेरा,मनोज जैन आदिनाथ,नरेश जैन वेद,मनोज जैसवाल,अशोक पहाड़िया,प्रकाश जैन,अमित धारीवाल, बृद्धिप्रकाश,निशा जैन वेद, पारस जैन, क्रांति जैन,जितेन्द्र जैन,महावीर चण्डालिया,एम पी चतर,सुरेश चांदवाड,कपिल जैन सहित  अंहिसा पदयात्रा में दिगम्बर, श्वेताम्बर, स्थानक, तेरापंथी, पोरवाल एवं तपागच्छ जैन समाज के लोग शामिल हुए।

महावीर के संदेश आज भी प्रासंगिक
मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय भी भगवान महावीर के संदेश प्रासंगिक है उन्होंने जीवन जीने की जो कला सिखाई है वह मोक्ष का मार्ग हैं। उनके उपदेश और शिक्षाओं, जैसे कि अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह, मानवता के लिए एक आदर्श मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनके द्वारा दिए गए अनमोल वचन और शुभ संदेश जीवन को सही दिशा दिखाने और समाज में सद्भावना, वैश्विक कल्याण और शांति स्थापित करने में सहायक हैं। महावीर के सिद्धांत व विचारों को दुनिया अपना रही है।

जी—20 में का भोज बना शाकाहारी
लोकसभा अध्यक्ष ओमबिरला ने अपने उद्बोधन मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के बारे मे बताते हुए कहा कि मनुष्य की इच्छाशक्ति व इरादा उसके व्यवहार व कार्यों में नज़र आता है। भारत में सम्पन्न हुई जी—20 देशों की समिट के दौरान बना भोजन शाकाहारी था जो भारत के बदलते चरित्र को दर्शाता है।

प्रशंसनीय है एकता —
सकल जैन समाज के मुख्य संयोजक जे के जैन ने स्वागत भाषण में दिगम्बर व श्वेताम्बर समाज की एकता पर प्रशंसा व्यक्ति करते हुए कहा कि हमारे प्रयास सार्थक नजर आते है जब महावीर के जन्म कल्याणक पर सभी एक मंच पर नज़र आते है। उन्होंने कहा कि एकता पैदल यात्रा मात्र समाज को जोड़ने का कार्य नहीं कर रही है यह घर—घर महावीर के संदेशों को पहुंचा रही है।

जैन है हम —
संयोजक रेखा हिंगड ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम दिगम्बर व श्वेताम्बर नहीं हम जैन है। हमें एकता का परिचय देना है क्योकि एकता की शक्ति से सब परिचित है। हमारी कई समस्याओं का समाधान तो एकता की ताकत से ही संभव है। मंच उसे उन्होंने शादी समारोह में 21 द्रव्य तक उपयोग करने व प्री—वेडिंग फोटोशूट के लिए समाज द्वारा पाबंदी लगाने की मांग की।

अहिंसा आज की आवश्यकता
पंकज मेहता ने अपने उद्बोधन में कहा कि अहिंसा आज की आवश्यकता है। हमें विश्व कल्याण व एकता के लिए अहिंसा का मार्ग चुनना होगा। सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन नांता ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज समाज की एकता के लिए जुटे हर कार्यकर्ता व ग्रुप साधुवाद के पात्र हैं। महावीर के सिद्धांतों के अनुरूप हम अपने जीवन की रूपरेखा तय करनी चाहिए।  मन का मैल जो धोये वह महावीर का सच्चा उपासक है। हमें अहिंसा व सत्य जैसे विचारों को जन—जन तक पहुंचाना है।
विजय दुगेरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि उनके साथ लगी युवा टीम व महिला सदस्यों के सहयोग से सफल पदयात्रा निकल सकी। लोकेश डांगी ने अंत में सभी का आभार प्रकट किया। अंजली जैन ने मंच संचालन किया।

अहिंसा मय हुई शिक्षा नगरी
जैन समाज द्वारा सामूहिक अहिंसा पदयात्रा में महिलाएं पीला साड़ी पहनकर हाथों में तख्तियों व धर्मध्वज से भगवान महावीर के संदेशों को लेकर चल रही थी। जिनके पीछे सकल जैन समाज के पुरुष वर्ग भी भगवान के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहा था। वहीं बालिका एवं युवा मण्डल भजनों पर थिरकते हुए अहिंसा पदयात्रा मे नजर आए। पुरुष वर्गों के हाथों में धर्म ध्वजा थी जिसे लेकर भगवान महावीर के जयकारे लगाते हुए बढ़ रहे थे।पदयात्रा के साथ भजन मंडली,डी जे साउंड था, जिसपर आध्यात्मिक पाठशाला के नन्हे मुन्ने भक्ति नृत्य करते चल रहे थे। पदयात्रा मार्ग में 108 स्वागत द्वार लगाए गए और जगह—जगह फूल मालाओं से पदयात्रा का स्वागत किया गया। पूरे मार्ग में रंगोली सजाई गई थी सड़कों के दोनों और लोग पदयात्रियों का स्वागत करते नजर आ रही थी। मार्ग में विभिन्न चौराहों को भी सजाया गया था। पदयात्रा 5 किमी का सफर तय करके दानबाड़ी पहुँची। पदयात्रा ने शिक्षा नगर को अहिंसा मय बना दिया।

अहिंसा का संदेश
जैन समाज के लोगो ने तख्तियों पर अहिंसा,सत्य व सदाचार के संदेश थे। ‘पुण्य—पाप तो कर्म है,वीतरागगता धर्म है…,सत्य अहिंसा प्यारा है यही हमारा नारा है…,महावीर के सपाही बनेंगे सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे…गली—गली यही पुकार प्रभु महावीर की जय जयकार…अहिंसा ही सबसे बडा धर्म…जैन धर्म का मूल मंत्र ण्मोकार महामंत्र,आदि संदेश के माध्यम से शिक्षा नगर कोटा को जैन समाज ने अहिंसामय बना दिया।

महिलाओ की झांकी ने मन मोहा
रेखा हिंगड ने बताया कि भगवान महावीर के जन्म से पूर्व भगवान महावीर की माता त्रिशला को 16 स्वन्न आए थे। उसी पर आधारित दिगम्बर व श्वेताम्बर महिला सदस्यों ने बनाई थी। इस झांकी के साथ 16 विभिन्न राज्यों की गणवेश में 10—10 महिलाएं का ग्रुप था जो एकता में अनेकता का संदेश दे रहा था। पदयात्रा  मार्ग में जीव हत्या न हो इस हेतु केवल पानी की व्यवस्था की गई थी।

भव्य शोभायात्रा जुलूस आज
अध्यक्ष अशोक पहाड़िया व समिति महामंत्री प्रकाश जैन ने बताया कि 21 अप्रैल रविवार को शोभायात्रा प्रात 7.00 बजे श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर तलवंडी से प्रारंभ की जाएगी। शोभायात्रा में लगभग हजारो की संख्या में लोग शामिल होंगे। श्री जी की प्रतिमा को मंत्रोच्चारण के साथ सुसज्जित कर रथ में रवाना किया जाएगा,जिनके पीछे जैन समाज के लोग महावीर के जयकारों के साथ आगे बड़ेगे।शोभायात्रा के संयोजक रितेश सेठी व प्रकाश बज ने बताया कि शोभायात्रा में सौधर्म इंद्र,ईशान इंद्र, कुबेर,सारथी व चवर डुलाने वालें रथ में सवार होकर चलेंगे। महिला केसरिया रंग की साड़ी व पुरुष सफेद कुर्ते पजामे में शामिल होंगे। शोभायात्रा में श्वेत अश्व,उंट गाडी,24 बग्गियां,महावीर के संदेश की सजीव झांकियां शामिल होगी। जगह —जगह रंगोली एवं मार्ग के दोनो और श्वेत व लाल रेखाएं बनाकर स्वागत किया जाएगा। 108 स्वागत द्वारा बनाए जाएंगे। सभी मंदिरों के लोग अधिक से अधिक से अधिक संख्या में शोभायात्रा में शामिल होकर जैन धर्म प्रभावना में अपना योगदान दे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान
सकल दिगम्बर जैन समाज समिति की महिला इकाई निशा वैद के अनुसार समाज की सभी वर्ग की महिलाओं द्वारा भगवान महावीर स्वामी के जीवन चरित्र पर आधारित नाटिकाऐं प्रस्तुत कर भगवान महावीर के संदेश को चित्रित किया गया। कार्याध्यक्ष जे के जैन ने बताया कि महावीर जयंति पर 6 व्यक्तियों का सम्मान किया जाता है। इस वर्ष भी समाज की ओर से भागचंद टोंग्या,मनोज जैसवाल,संजय कुमार जैन निमार्ण,अनिल ठोरा,अंजलि जैन व मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डा.संगीता सक्सेना को मंच पर समाज द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

पूजन व अभिषेक,सोशल ग्रपो का सहयोग
प्रचार संयोजक मनोज जैन आदिनाथ एवं नरेश जैन वेद ने बताया कि दशहरा मैदान में 21 अप्रैल को भगवान महावीर स्वामी का भव्य पूजन व अभिषेक किया जाएगा। सभा में श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज ससंघ व गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ससंघ के प्रवचन से समाज लाभान्वित होगा। प्रकाश बज ने बताया कि दशहरा मैदान में 120 गुना 235 वर्ग फीट छायादार पाण्डाल बनाया जा रहा है। 44000 वर्ग फीट की भोजन शाला,1500 वर्गफीट का स्टेज बनाया जा रहा है। इस अवसर पर 18 विभिन्न स्टॉल पर दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप व विभिन्न समितियों के द्वारा सेवा कार्य के अंतर्गत रक्तदान शिविर,वृहद दिव्यांग शिविर,चिकित्सा शिविर,पाण्डुलिपि संग्रहण व संवर्धन की प्रदर्शनियां,प्राकृत शिक्षा के प्रचार की जानकारी तथा जीव दया के शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।

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