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राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा श्रमदान स्वच्छता अभियान का आयोजन

संजय कुमार

कोटा, 04 मार्च, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा गोद लिए ग्राम रायथल में यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल द्वारा एवं विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना आर.टी.यू इकाई के सहयोग से श्रमदान स्वच्छता एवं नारी सशक्तिकरण के दो दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया।

जनसंपर्क अधिकारी डॉ. एस. डी. पुरोहित ने बताया कि पूर्व में भी कुलपति प्रो.एसके सिंह के निर्देशन में गाँव रायथल में विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न सामाजिक प्रकल्पो, जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से किए गया सराहनीय कार्यों की राजभवन राजस्थान द्वारा भी सराहना की गई है। शिविर में ग्रामीण स्वच्छता एवं सामुदायिक श्रमदान, महिला सशक्तिकरण, कौशल शिक्षा, ग्राम स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और नारी उत्थान से जुड़े विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर संगोष्ठी का आयोजन भी हुआ । इस अभियान में नोडल ऑफिसर प्रो.एसएल मीणा, एनएसएस के प्रोग्राम अधिकारी प्रो. मनोज वैष्णव, और प्रो.मनीषा भंडारी एवं प्रतिभागी छात्रों की भूमिका सरहानीय रही।

कुलपति प्रो.एसके सिंह ने विद्यार्थियो को जीवन में श्रमदान का महत्व बताते हुए अपने संदेश में कहा की श्रमदान में राष्ट्र-हित की भावनाओं के साथ-साथ सामाजिक और अखिल विश्व की कल्याणकारी भावनाओं का समन्वय भी रहता है। श्रमदान से किसी राष्ट्र की आर्थिक स्थिति के सुधार के साथ-साथ राष्ट्र को पूर्ण शक्तिशाली बनाने में अमूल्य सहायता प्राप्त होती है। श्रमदान सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, संसाधनों का अनुकूलन करने और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वैच्छिक श्रम में सक्रिय रूप से भाग लेकर, व्यक्ति एक मजबूत और अधिक समावेशी समाज के निर्माण में योगदान करते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों और मानव समाज पर स्थायी प्रभाव पड़ता है।श्रमदान शिक्षा के साथ विद्यार्थियो को अपने कौशल को बढ़ाने, नई चीजें सीखने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने का अवसर प्रदान करता है। यह समुदाय को लाभान्वित करता है बल्कि स्वयंसेवकों की भलाई और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करता है। उन्होंने ग्रामीण परिदृश्य में महिला सशक्तीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा की आज महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी दुनिया के सामने रखी है। आर्थिक अधिकारों की प्राप्ति तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के कारण महिलाओं का सशक्तीकरण हुआ है। महिलाओं के विकास हेतु सकारात्मक आर्थिक और सामाजिक नीतियों का निर्माण आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से हमारे गांवों, शहरों और आसपास के सार्वजनिक स्थलों की तस्वीर बदली जा सकती है।

यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल के नोडल अधिकारी  शांति लाल मीना एवं राष्ट्रीय सेवा योजना आर.टी.यू इकाई के प्रोग्राम अधिकारी  मनोज वैष्णव ने गाँव के लोगों को स्वच्छता एवं नारी सशक्तिकरण के महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रोफेसर मनीषा भंडारी ने विद्यालय के छात्राओं को स्वच्छता का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि हमें स्वयं की स्वच्छता के साथ-साथ ही अपने आसपास के वातावरण की स्वच्छता का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए एवं दूसरो को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।इसके अलावा यूनिवर्सिटी की सोशल रिस्पांसिबिलिटी टीम के छात्र छात्राओं द्वारा लोगों को अंधविश्वास से जागरूक करने हेतु नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया एवं गांव के विभिन्न स्थानों पर लोगों का स्वच्छता से प्रेरित करने हेतु एवं अन्य सामाजिक विषयों जैसे जल संरक्षण एवं लोगों को मतदान हेतु जागृत करने हेतु स्लोगन लिखकर संदेश दिया। छात्रों ने गाँव के विभिन्न इलाकों में साफ-सफाई करके स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया। साथ ही साथ नुक्कड नाटक के माध्यम से छात्रों ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया एवं दहेज प्रथा, घरेलु हिंसा जैसे सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया।

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