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घोषणाएं सही दिशा में, संकल्प पत्र की घोषणाओं को पूरा करने में नाकाम रहा बजट:- भारतीय किसान संघ

संजय कुमार

कोटा, 8 फरवरी। भारतीय किसान संघ ने राजस्थान लेखानुदान बजट को किसानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम बताया है। चित्तौड़ प्रांत के प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने कहा कि बजट घोषणाएं धरातल पर उतरीं तो प्रदेश के किसान को स्वावलंबन की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि गेंहू का समर्थन मूल्य 2700 रूपए किए जाने की मांग की थी, लेकिन लेखानुदान बजट से निराशा ही हुई है।

आशीष मेहता ने कहा कि बजट में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना शुरू करने व इसके लिए 11200 करोड़ के प्रावधान रखा गया है। जो इस सूखे प्रदेश में ग्रामीण व्यवस्था को आबाद रखने व खेती को जीवंत रखने के लिए आवश्यक है। इससे भूजल को गिरने से रोकने व वर्षा जल का समुचित उपयोग से भविष्य में सिंचित खेती बढ़ने की उम्मीद जगी है।

प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा ने कहा कि पशुपालकों के लिए गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक लाख तक के ब्याज मुक्त ऋण की घोषणा से किसानों को गौपालन में मदद मिलेगी। जिससे गौ आधारित जैविक कृषि को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय किसान संघ की वर्षा जल संग्रहण और गौ आधारित जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने हेतु ठोस उपाय करने की आवश्यकता जताता रहा है। ये उसी दिशा में उठाए गए कदम है।

जिला अध्यक्ष गिरीराज चौधरी ने कहा कि भारतीय किसान संघ की 19 दिसम्बर 2022 की दिल्ली में आयोजित किसान गर्जना रैली व 16 मई को जयपुर सचिवालय घेराव के दौरान लागत आधारित लाभकारी मूल्य व किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी के प्रमुख मुद्दे को सरकार ने चुनावी संकल्प पत्र में में शामिल किया था। गेहूं की 2700 रुपये किंवटल में खरीद करने तथा किसान सम्मान निधि को 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष करने की घोषणा की गई थी। इस बजट में सरकार ने उस तरफ कदम बढ़ाते हुए बजट में किसान सम्मान निधि में 2 हजार रुपए प्रति वर्ष की बढ़ोतरी कर 8 हजार रुपये प्रति वर्ष करने की घोषणा तथा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद पर 125 रुपये बोनस घोषित कर 2400 रुपये प्रति क्विंटल से गेहूं खरीद की घोषणा की है। जो किसानों को राहत देने वाली है, लेकिन संकल्प पत्र के अनुसार ये अधूरी है। जो पूरी की जानी चाहिए थी।

आशीष मेहता ने कहा कि सरकार के चुनाव संकल्प में किसानों को सिंचाई के लिए 8 घण्टे बिजली देने की घोषणा थी। उस संबंध में कोई कार्ययोजना पेश नही की गई। सोलर उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार की रूफ टॉप योजना को प्रदेश में लागू करने की बात कही गई है, लेकिन कुसुम योजना के तहत मध्यम श्रेणी के सोलर प्लांट को प्रोत्साहित करने हेतु कोई प्रावधान दिखाई नहीं दिए हैं।

उन्होंने कहा कि बजट में पूर्वी राजस्थान नहरी परियोजना को पूरा करने हेतु किये गए प्रावधान सकारात्मक है। 2000 करोड़ के एग्रीकल्चर इंफ्रा मिशन की घोषणा को विस्तृत रूप से नहीं बताया गया। जिससे अलग कृषि बजट का अभाव झलका।

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार का बजट कृषि व किसानों को लेकर सही दिशा में है। यदि घोषणाएं धरातल पर उतरती हैं तो निश्चित ही किसानों को कुछ राहत मिलेगी। संकल्प पत्र घोषणाओं को पूरी तरह लागू करने में बजट नाकाम रहा। किसानों को 8 घंटे बिजली देने, पेट्रोल डीजल पर वैट कम करने, पेंडिंग कृषि कनेक्शन जारी करने, कृषि बीमा को किसान हितैषी बनाने और खराबे का मुआवजा समय पर दिलाने के संबंध में बजट कोई रुपरेखा प्रस्तुत नहीं करता है। वहीं कृषि क्षेत्र को जिस प्रकार प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उसके अनुरूप बजट आंवटन अपर्याप्त है।

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