फिर एक छात्रा फंदे पर झूली, कब रुकेगा कोटा में आत्महत्या का सिलसिला, आखिर जिम्मेदार कौन?
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संजय कुमार चौबीसा
कोटा, 9 दिसम्बर। कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आत्महत्या की बात करें तो उसमें कोचिंग छात्र छात्राएं ज्यादा है परंतु अब स्कूल के छात्र छात्राएं भी आत्महत्या कर रहे हैं। जिस उम्र में बच्चों पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं होता यह उम्र तो खेलने कूदने के साथ बड़ी होती है। अब इस उम्र में जब कोई बच्चा आत्महत्या जैसा कदम उठाता है तो जिम्मेदार हम किसे माने। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट कहता है की शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ माता-पिता की अपेक्षाएं भी बच्चों की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं, परंतु अब ऐसा लगने लगा है की इन दोनों के अलावा हमारा समाज और समाज में मोबाइल का बढ़ता उपयोग भी बच्चों मे गलत विचार डालकर या अवसाद पैदा कर इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है।
आज फिर कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय स्कूली छात्रा ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र के बापू नगर आवासीय कॉलोनी में रहने वाली छात्रा निकिता कोली (15) एक निजी विद्यालय में दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। शुक्रवार की दोपहर वह स्कूल से घर लौटने के बाद अपने कमरे में चली गई और उसे अंदर से बंद कर लिया।
काफी देर तक नहीं निकलने पर घर वालों के खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खोला तो बाद में सूचना मिलने पर मौके पहुंचे अन्य लोगों ने दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो छात्रा निकिता फांसी के फंदे से लटकी मिली। मृतक छात्रा के शव को शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजनों के हवाले कर दिया है। अभी आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस को छात्रा के पास से सूसाइड नोट भी नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।