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आखिर कौन है इन उबड- खाबड सड़कों और बेदर्दी गड्ढों का जिम्मेदार।

संजय कुमार

कोटा, 20 मई। यूआईटी की सड़कों की भले ही यूआईडी कितनी भी तारीफें कर ले रोल मॉडल बता ले भीलवाड़ा से आई टीम को चमचमाती सड़के दिखा दे पर सड़कों के चेंबर और उनके उपर लीपापोती और बेतरतीप रूप से किया गया पेच वर्क यूआईटी के सारे किए कराए को मटिया मेट कर देती है।

आचार संहिता के नाम पर लोगों की जिंदगी के साथ में खिलवाड़ किया जाना कोटा नगर निगम और यूआईडी की पहचान बन चुका है। बार-बार लोगों के द्वारा अपने क्षेत्र की छोटी-मोटी समस्याओं से लेकर सड़क के जानलेवा गड्डो की ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज करवाई जा रही है पर मजाल हे कोई अधिकारी के कान में जू तक रेंग जाए। शहर के व्यस्ततम सड़कों में से एक नदी पार क्षेत्र की चित्तौड़ रोड जिसे नांता रोड भी कहते हे इस पर यूआईटी के द्वारा बनाए गए सीसी रोड को खोदकर दोबारा से उसमें सीवरेज लाइनों का काम किया गया था बाद में सीसी रोड फिर से बनाया गया तब यूआईटी को बाद में फिर ध्यान आया कि इनमें से चैंबर्स को गलियों में कनेक्ट करना बाकी रह गया ऐसे में फिर से सीसी को काटा और तीसरी बार पेच वर्क के रूप में उबड़ खाबड गिट्टी और चेंबर के ढक्कन छोड़ दिए। अब इन गड्डो से आए दिल लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य सड़क से करीब 6 से 9 इंच की गहराई तक के गड्ढे यहां आम है कहीं पैदल चलने वाली महिलाओं के लिए तो यह बहुत बड़े हादसा का कारण भी हो सकती है। गलियों में चैंबर्स का टूटना और बिना ढक्कन की चैंबर होना तो आम बात है ही कहीं तो चैंबर गलियों व कॉलोनी की सड़क से 9 इंच ऊपर बना दिए गए हैं ऐसे में राह चलते छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग यहां तक की टू व्हीलर वाले इससे टकराकर उछल कर गिर के चोटिल हो रहे हैं।

लोगों ने रोड पर स्लोगन लिखकर प्रशासन को जागने का प्रयास किया ताकि खराब सड़कों को दोबारा सही करवाया जा सके।

 

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