धर्म

श्री ओसवाल समाज संस्था द्वारा भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव

संजय कुमार

कोटा, 21 अप्रैल । भगवान महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (24वें) तीर्थंकर के जन्म कल्याण महोत्सव को हर वर्ष की भांति इस वर्ष श्री ओसवाल समाज संस्था द्वारा हर्षाोउल्लास के साथ आयोजित किया गया। अध्यक्ष राकेश श्री श्रीमाल गुणायचा ने बताया कि महावीर प्रभु जन्म कल्याणक महोत्सव पर साधर्मी वात्सल्य का आयोजन प्रात 11 बजे मंगलाचरण से श्री पार्श्व कुशल धाम दानबाडी दादाबाडी में प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में समिति के संरक्षक जगजीवन मुणोत,पुखराज बाफना,विमल धारीवाल का सानिध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अनिल मण्डोत सीनियर जोईंट प्रसिडेंट मंगलम सीमेंट मोडक एवं पंकज मेहता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

श्रीनाथपुरम में संतो का ठहराव
स्वागत व अध्यक्षीय उद्बोधन में राकेश श्री श्रीमान ने महावीर के सिद्धांतों की प्रासंगिता को प्रकट किया। उन्होने कार्यकारणी के कार्यो से मंच को अवगत कराया और समाज को खुशखबरी देते हुए कहा कि श्रीनाथपुरम स्थित भवन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है वहां संतों के ठहराव की व्यवस्था की होगी साथ ही यात्री लोगो के लिए भी वह स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होने सफल कार्यक्रम के लिए पंकज भंडारी,अनिल दक,रोहित चंडालिया,नवीन चतर,रवि सांखला सहित सम्पूर्ण कार्यकारिणी व पदाधिकारियो का आभार प्रकट किया।

महावीर स्वामी का ज्ञान दर्शन
महामंत्री पंकज भंडारी ने बताया कि ओसवाल महिला मण्डल व बालक—बालिकाओं द्वारा आयोजित नृत्य नाटिका में तीर्थंकर महावीर स्वामी का ज्ञान दर्शन प्रदर्शित किया गया। जिसमें उनके जन्म से वैराग्य जागने एवं भगवान बनने के सफर का चित्रण किया जाएगा। समाज कि मुमुक्ष महिला मण्डल,पार्श्व कुशल बहु मण्डल,त्रिशला महिला मण्डल,वर्द्धमान पाठशाला के विद्यार्थिओ व गोडी पार्श्वनाथ महिला मण्डल की महिलाओं ने महावीर के सिद्धांत व कथाओ को नृत्य के रूप में मंच पर साकार किया और ओसवाल समाज के लोगो की तालियां बटोरी। उन्होने तीर्थंकर महावीर के ज्ञान दर्शन पर भावनात्मक नृत्य प्रस्तुति दी।

महावीर के सिद्धांत
मुख्य अतिथि अनिल मण्डोत ने अपने उधबोधन में कहा कि दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य के माध्यम से महावीर ने आर्दश समाज की स्थापना की नीव रखी है। भगवान महावीर ने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया। पंकज मेहता ने अपने उधबोधन में कहा कि अहिंसा आज की आवश्यकता है। हमें विश्व कल्याण व एकता के लिए अहिंसा का मार्ग चुनना होगा। मन का मैल जो धोये वह महावीर का सच्चा उपासक है। हमें अहिंसा व सत्य जैसे विचारों को जन—जन तक पहुंचाना है।

सम्मान समारोह,रक्तदान
सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक राजेश चतर ने बताया कि कक्षा 10वीं व 12वीं में 85 प्रतिशत अंको से अधिक लाने वाले तथा एबीबीएस,आर एस, सीए,सीएस,एमबीए सहित विभिन्न पेशेवर डिग्री में उन्नत अंक लाकर समाज को गौरांवित करने वाले 30 प्रतिभावन विद्यार्थिओं एवं जनकल्याण की भावना के साथ समाज में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सक्रिय,कर्मठ व समाजसेवी कांता दुग्गड़,स्व.अशोक बोहरा,वीरेन्द्र धारीवाल का सम्मान माला,शॉल,श्रीफल व मोमेन्टो देकर समाज की ओर से किया गया। समाज द्वारा आयोजित शिविर रक्तदान शिविर में संयोजक सुनील सेठ एवं प्रवीण चतर ने बताया की कुल 76 यूनिट रक्तदान किया गया। कार्यक्रम में समिति के संरक्षक जगजीवन मुणोत,पुखराज बाफना,विमल धारीवाल,नथमल नाहटा का सानिध्य प्राप्त हुआ।

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