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पारंपरिक व्यवसायों से जुडे कामगारों का संबलन करेगी पीएम विश्वकर्मा योजना, अधिकाधिक पात्रों को योजना से जोडने का आव्हान

संजय कुमार चौबीसा

कोटा 12 जनवरी। पीएम विश्वकर्मा योजना से अधिकाधिक पात्र व्यक्तियों को जोडने के उद्देश्य से शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के तत्वाधान में एक होटल में किया गया। मुख्य अतिथि जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल थे, अध्यक्षता जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने की।
जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कार्य करने वाले, शिल्पकारों, कारीगरों आदि के संबलन के लिए है जिसमंे कौशल उन्नयन एवं विपणन सहायता एवं बिना जमानत के ऋण का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने आव्हान किया कि सभी पात्र लोगों को इस योजना से जोडकर उन्हें लाभान्वित किया जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोटा में असंगठित क्षेत्र में पारंपरिक व्यवसाय करने वालों की बडी संख्या है। जरूरत इन्हें दिशा देने और संबलन करने की है जिसमें पीएम विश्वकर्मा योजना महती भूमिका निभाएगी। उन्होंने उपस्थित जन प्रतिनिधियों का आव्हान किया कि वे इस योजना का अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्रजनों को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई व्यवसाय जो इस योजना में सूचीबद्ध नहीं है और जो शामिल कराया जाना चाहिए उसे ध्यान में लाएं।
एमएसएमई के वरिष्ठ सहायक निदेशक अजय शर्मा ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि इस योजना में 18 ट्रेड शामिल किए गए हैं। कोटा में पत्थर का काम अधिक होने के कारण पत्थर तोडने वाले कारीगर भी इसके पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर या शिल्पकार जो स्वरोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करते हैं वे इस योजना के पात्र हैं। योजनान्तर्गत बिना जमानत के क्रमशः एक लाख रूपये एवं दो लाख रूपये के उद्यम विकास ऋण का प्रावधान है। टूल किट के लिए 15 हजार रूपये तथा 500 रूपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता का भी प्रावधान रखा गया है।
सीईओ जिला परिषद ममता तिवाडी ने उपस्थित पंचायतराज जन प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस योजना से अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करें। कृष्ण कुमार सोनी ने कहा कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं से हर वर्ग का सशक्तिकरण हो रहा है और भारत एक शक्ति के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना से पुश्तैनी कार्यों को बढ़ावा मिलेगा और इन कार्यों में लगे कारीगरों का संबलन हो सकेगा। कार्यशाला में कविता पचवारिया, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह एवं पंचायतराज जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उद्योग केन्द्र के महाप्रंबधक हरिमोहन शर्मा ने आभार व्यक्त किया। तकनीकी सत्रों में योजना के बारे में प्रजन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
पंजीयन की प्रक्रिया-
पंजीकरण सामान्य सेवा केन्द्र या अटल सेवा केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा। आवश्यक दस्तावेज आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड यदि किसी लाभार्थी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उन्हें परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड प्रस्तुत करने होंगे। योजना के तहत पंजीकरण नामांकरण के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।
कारीगरों, शिल्पकारों को एक पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त होगा। प्रमाण पत्र से आवेदक की पहचान विश्वकर्मा के रूप मे हो जाएगी, जिससे वे योजना के तहत सभी लाभ प्रापत करने के पात्र होंगे।
इन्हें मिलेगा लाभ-
पीएम विश्वकर्मा योजना में लकडी आधारित बढ़ई व नाव बनाने वाला, लोहा या धातु आधारित अस्त्रकार, लौहार, हथौडा, अूल किट निर्माता व ताला बनाने वाला, सोना, चांदी आधारित सुनार, मिट्टी आधारित कुम्हार, पत्थर आधारित मूर्तिकार व पत्थर तोडने वाला, चमडे पर आधारित मोची व जूता कारीगर, निर्माण आधारित राजमिस्त्री तथा अन्य टोकरी, चटाई, झाडू निर्माता, कॉयर बुनकर, गुडिया और खिलौना निर्माता, नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी व मछली पकडने का जाल निर्माता आदि को योजना का लाभ मिलेगा।

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