![](https://pramukhsamvad.live/wp-content/uploads/2023/12/IMG_20231202_184250-589x470.jpg)
लेखराज शर्मा 2 दिसंबर 2023
शिवपुरी जिले की सीमा से सटे श्योपुर के कूनो नेशलन पार्क में अब राजस्थान के टाईगर की एन्ट्री ने वन विभाग की नींद हराम कर दी है। एक टाईगर रणथम्भोर की सेंचुरी से 6 महीने से लापता था। यह गंगापुर,करौली,धौलपुर और उसके बाद मुरैना से चंपल को पार करते हुए कूनो की सीमा में आ घुसा। इस मादा टाईगर टी 102 का शाव है जो बीते 6 माह से गायब है।
कूनो प्रशासन के मुताबिक, उसे यहां की आबोहवा पसंद आ रही है। यहां वन्यजीवों का शिकार कर अपना पेट भी भर रहा है। रणथंभौर सेंचुरी के वन्य जीव विशेषज्ञ धर्मेंद्र खांडल की राय है कि इस टाइगर को कूनो से वापस लाने की जरूरत नहीं है। रणथंभौर में मेल टाइगर की संख्या काफी है, ऐसे में यह टाइगर टेरिटरी फाइट में फंस सकता है।
खांडल ने कहा कि मध्यप्रदेश में माधव नेशनल पार्क भी है। सरकार चाहे तो इस टाइगर को माधव नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जा सकता है। विकल्प यह भी है कि कूनो में एक मादा टाइगर छोड़ दी जाए ताकि वहां भी इनकी वंश वृद्धि हो सके। वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि देश में चीतों के इकलौते घर कूनो नेशनल पार्क में पहले भी रणथंभौर से टाइगर आते रहे हैं। कूनो नेशनल पार्क में टाइगर के लिए अनुकूल वातावरण और पर्याप्त मात्रा में शिकार के लिए वन्य जीव मौजूद हैं। हालांकि, काफी वक्त गुजारने के बाद वे यहां मादा टाइगर नहीं होने की वजह से लौट जाते हैं। परंतु अब यहां चीता आ गए है। अब चीतों के बीच टाइगर की एन्ट्री ने वन विभाग के माथें पर चिंता की लखीरें खडी कर रखी है।