धर्म

चैतन्य महाप्रभु का जन्मोत्सव:- शोभायात्रा , संकीर्तन, महाअभिषेक और फगोत्सव का हुआ आयोजन

संजय कुमार

कोटा, 26 मार्च। गौर पूर्णिमा पर श्री कृष्ण चैतन्य प्रेम भक्ति धाम,धरणीधरण पर हर्षोउल्लास और कृष्णभक्तिरस में श्रीमद् महाप्रभु जी जन्मोत्सव मनाया गया। नारायण दास व ललित कृष्ण दास ने बताया कि गौरपूर्णिमा पर प्रात उत्सव व उमंग के बीच जन्मोत्सव आयोजित किया गया।शोभायात्रा, फूलडोल,फागोत्सव,महाभिषेक,महिला मंदिर में बधावा लेकर आई,प्रभात फेरी,महासंर्कीतन के उपरान्त धर्म प्रवचन आयोजित किए गए। प्रचार मंत्री रवि झंवर ने बताया कि 5.30 बजे मंगला के पूजन व दर्शन के बाद गौर पूर्णिमा पर प्रात 6.30 श्रीहरिनाम संकीर्तन प्रभात फेरी में श्री मंदिर से प्रारम्भ होकर विनोवा भावे नगर कॉलोनी में भ्रमण किया।

महाअभिषेक व महाआरती

श्री चैतन्य महाप्रभु जी के भुवन मंगल प्राक्टय महामहोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीगौर पूर्णिमा पर उद‌यास्त अखंड श्रीहरिनाम संकीर्तन हुआ। शाम 6.30 बजे महिलाओं द्वारा बधावा मन्दिर में लाया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यञ्जन,दूध, मिठाई, फल, खिलौने आदि सजाकर लायें गए।कृष्ण भक्ति में भजन-संकीर्तन के साथ महिलाओं ने नृत्य गान किया। हरे कृष्ण हरे कृष्णा हरे कृष्णा… राधे राधे…राधे गीतो पर कृष्ण भक्ति झुमते रहे।
नारायण दास व ललित कृष्ण दास ने बताया कि संध्या में प्राकट्य समय पर उनका महाभिषेक, वृन्दावन से पधारे आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज श्री गौरांग महाप्रभु जी ने वेद मन्त्र व पुरुष सूक्त मन्त्रों द्वारा किया।पश्चात् महाभिषेक संध्या आरती, श्री तुलसी जी की बधावा, परिक्रमा सम्भून्न हुई। इस अवसर पर कोटा नगर के बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

धर्म प्रवचन
महासंर्कीतन के उपरान्त आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज ने  धर्म प्रचवन में कहा कि चैतन्य महाप्रभु ने मध्यकालीन भारत में  समाज में एकता और सद्भावना का संदेश फैलाया। उन्होंने हरिनाम संकीर्तन की रसधार बहाकर पीड़ित मानवता को श्रीकृष्ण प्रेम की संजीवनी प्रदान की। उनके भक्ति आंदोलन का मूल लक्ष्य था सर्व-धर्म समभाव, प्रेम, शांति और अहिंसा की भावना को जन-जन के हृदय में संचारित करना है। उन्होने कहा कि महाप्रभु ने श्रीहरिनाम संकीर्तन यज्ञ द्वारा जीव मात्र का कल्याण किया। इस युग में कार्म, ज्ञान, ध्यान, यज्ञ, व्रत, तपस्या, दान, स्वाध्याय आदि साधनों से जीव का उतना कल्याण नहीं होता मिलता,जितना मात्र श्रीहरिनाम संकीर्तन से होता है।

शोभायात्रा में राधे—राधें के जयकारें
श्री कृष्ण चैतन्य प्रेम भक्ति धाम की पताका लिए भक्तिों के पीछे प्रभु चैतन्य की झांकी और डीजे व गाजे बाजे के साथ सैकडो की संख्या मे राधे के नाम के जयकारे लगाते,कृष्ण भक्त। यह नजारा था गौर पुर्णिमा के पूर्व आयोजित महाप्रभु जी विशाल संकीर्तन यात्रा शोभायात्रा का। प्रचार मंत्री रविकुमार झंवर ने बताया कि हरिनाम के जयकारें के साथ दिव्य, भव्य एवं अलौकिक हरिनाम संकीर्तन शोभा यात्रा, आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी  के सानिध्य हनुमान मन्दिर, महावीर नगर, तृतीय, कोटा से प्रारंभ होकर कॉलोनी के विभिन्न मार्गों से भ्रमण करते हुए मन्दिर में ही समापन हुई। वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे…..राधा अलबेली सरकार…आदि गीतों को गाते हुए सैकडो महिलाएं व पुरूष आचार्य श्री हरे कृष्ण दास ब्रह्मचारी जी महाराज के सानिध्य में आगे बढ रहे थे। शोभायात्रा में शहर में विभिन्न स्थानों में फूल मालाओं से स्वागत किया गया।

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