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राष्ट्रव्यापी हडताल के आह्वान के अन्तर्गत अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ कोटा के कर्मचारियों के द्वारा आयोजित रैली एवं प्रदर्शन

संजय कुमार

,कोटा, 16 फरवरी।। अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ (AISGEF) के राष्ट्रव्यापी हडताल के आह्वान के अन्तर्गत अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के निर्णयानुसार जिले के कर्मचारियों के द्वारा  रैली एवं प्रदर्शन कर  निम्न मांगों का निस्तारण की मांग करी। जिसके लिए एक ज्ञापन कलेक्टर को भी मुख्यमंत्री के नाम दिया गया। सॉन्ग ने कहा कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश का कर्मचारी समुदाय आन्दोलन तीव्र करने के लिए बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

राज्य कर्मचारी संघ ने निम्न मांगे रखी

1. पीएफआडीए (PFRDA) अधिनियम को निरस्त करते हुए राज्य कर्मचारियों के 41 हजार करोड़ रूपये जीपीएफ खाते में जमा करावें। राजस्थान में परिभाषित पुरानी पेंशन योजना जारी रखी जावें।

2. सभी संविदा/आउटसोर्स / दैनिक वेतनभोगी नियुक्तियों बंद करें। सभी संविदा/अनियमित कर्मचारियों को नियमित करें। सभी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी रिक्त पदों को नियमित नियुक्तियों से भरा जावे।

3. सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण / निगमीकरण और सरकारी विभागों का आकार घटाना बंद करें। 4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को रद्द करें एवं संविधान के अनुच्छेद 310, 311(2) (ए), (बी) और (सी) को निरस्त करें। सभी कठोर आदेश और परिपत्र (05.10.2018 इत्यादि) प्रत्याहारित करें।

5. प्रत्येक पाँच वर्ष की अवधि में एक चार वेतन संशोधन लागू करें। आठवें वेतन आयोग का अविलम्ब गठन करें। साथ ही जब्त किये गये 18 माह के DA/DR बकाया सहित जारी करें।

6. सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित करने से सम्बन्धित लम्बित पत्रावली का शीघ्र निस्तारण करावें।

7. प्रदेश में कर्मचारी / अधिकारियों की स्पष्ट एवं पारदर्शी (राजनैतिक हस्तक्षेप विहीन) स्थानान्तरण नीति जारी करते हुए वर्षों से प्रतीक्षारत अध्यापकों के स्थानान्तरण शीघ्र किये जायें।

8. महँगाई पर रोक लगाते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करें।

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