गाड़िया लोहार के जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए प्रदेश की सरकार कृत संकल्पित है: ऊर्जा मंत्री
संजय कुमार
कोटा, 23 सितम्बर।
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा एवं घुमंतू जाति उत्थान न्यास जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में “गाड़िया लोहार: प्रगति की तलाश में” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार में ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर थे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति कैलाश सोढानी ने की। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अखिल भारतीय घुमंतु कार्य प्रमुख दुर्गादास थे। विशिष्ट अतिथि उद्योगपति ताराचंद गोयल तथा घुमंतू कार्य युवा प्रमुख डॉ. पुष्कर थे।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा की गाड़िया लोहार समुदाय सदैव से राष्ट्रवादी समाज रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घुमंतू समाज को रहने के लिए आवास मिले और आजीविका के लिए कियोस्क उपलब्ध हों। इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर जो भी संभव होगा घूमंतू समाज के कल्याण के लिए कार्य किए जाएंगे। गाड़िया लोहार द्वारा बनाए जाने वाले अस्त्र-शस्त्र और कृषि औजार की अब बहुत उपयोगिता नहीं रह गई है। ऐसे में, आज आजीविका को लेकर अब नवाचार करने की आवश्यकता है। सरकार की ओर से गाड़िया लोहार परिवारों के बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल और आवासीय विद्यालय खोलने के लिए 28 करोड रुपए स्वीकृत किए गए हैं। गाड़िया लोहार के जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए प्रदेश की सरकार कृत संकल्पित है।
नागर ने कहा कि प्रदेश की सरकार गाड़िया लोहारों के बच्चों को व्यवस्था में शामिल करने की इच्छा रखती है। आज सामाजिक संस्थाओं और सरकारी प्रयासों से गाड़िया लोहारों के बच्चे भी पढ़ते, बढ़ते नजर आएंगे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दुर्गादास ने कहा कि कभी विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 30 प्रतिशत से अधिक था। जिसमें घुमंतु समुदाय का भी काफी बड़ा योगदान होता था। गाड़िया लोहार सदैव से योद्धा समुदाय रहा है। इस समुदाय ने पलायन करना स्वीकार किया लेकिन धर्म नहीं छोड़ा। अपने पूर्वजों की प्रतिज्ञा के लिए आज भी यह घुमक्कड़ रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। स्वाभिमानी, धर्मनिष्ठ और परिश्रमी इस समाज ने भूखे रहना मंजूर किया लेकिन चोरी और अपराध तो दूर भीख मांगना भी स्वीकार नहीं किया। आज इस समुदाय को लेकर के विशेष योजनाएं बनाना जरूरी है। यह समाज स्थायित्व लेकर आगे बढ़ने का काम करें यह हम सभी की मंशा है।