संजय कुमार
कोटा। आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान कोटा चैप्टर द्वारा नेत्रदाता परिवार एवं सहयोगकर्ता सम्मान समारोह रोटरी बिनानी सभागार शॉपिंग सेंटर में आयोजित किया गया। अध्यक्ष के.के. कंजोलिया ने बताया कि इस अवसर पर 70 नेत्रदाता परिजनों को माला, शॉल, दुपट्टा व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सचिव सुरेश सेडवाल ने बताया कि नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पांडेय ने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से नेत्र की आवश्यकता एवं कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को दर्शाया। गोपाल सोनी एवं डॉ. अमित सिंह राठौड़ ने मंच संचालन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता सक्सेना, अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदीश सोनी, राजेश माहेश्वरी एलन, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मुकेश व्यास सचिव घनश्याम मूंदड़ा, ईबीएसआर सोसायटी ऑफ राजस्थान कोटा चैप्टर के अध्यक्ष के.के. कंजोलिया,राजेन्द्र अग्रवाल एवं जी.डी. पटेल ने नेत्रदानी परिवारों को सम्मानित किया। नेत्रदानी परिजनों ने नम आँखों से सम्मान ग्रहण किया।
यह रहे उपस्थित
सोसायटी से राजेंद्र अग्रवाल, जी.डी. पटेल, गजेंद्र कुमार गौड़, राजेंद्र गौड़, डॉ. एम.एल. अग्रवाल, आर.सी. सहानी, डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता, डॉ. नीरजा श्रीवास्तव, ईश्वर लाल सैनी, सुश्री अनिता चौहान, के.एल. गुप्ता ने अतिथियों को सम्मानित किया।
कोटा चैप्टर का यूटिलिटी रेट 55 प्रतिशत
कंजोलिया ने बताया कि कोटा चैप्टर 9 अक्टूबर 2011 से कोटा संभाग में कार्यरत है। प्रथम वर्ष 6 कॉर्निया ही प्राप्त हो सके, अगस्त 2024 तक संस्थान ने कुल 1864 कॉर्निया प्राप्त किए जा चुके हैं। जिनमें से 1035 कॉर्निया प्रत्यारोपित किए जा सके हैं। इसका यूटिलिटी रेट 55.5 प्रतिशत है। संपूर्ण राजस्थान में वर्ष 2002 से अगस्त 2024 तक 23,268 नेत्रदान हुए और उनमें से 15,028 कॉर्निया प्रत्यारोपित किए जा सके हैं।यूटिलाइज रेट 64 प्रतिशत है।
दुसरों के जीवन में रंग भरता है नेत्रदान
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता सक्सेना ने कहा कि
नेत्रदान को महादान की संज्ञा देते हुए कहा कि नेत्रदानी परिवारों का सम्मान करना सामाजिक सद्भाव, मानवीयता और उदारता के प्रतीक है। संस्था के इस कार्य से शहर में नेत्रदान के प्रति रुझान बढ़ेगा। असली सम्मान के हकदार नेत्रदानी परिवार हैं जिनकी प्रेरणा से अन्य लोग नेत्रदान के लिए आगे आएँगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जगदीश सोनी ने कहा कि नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नेत्रदान उच्चतम दान है। यह उच्च विचारशीलता और दान का प्रतीक है। इस दान से आप किसी व्यक्ति के अंधेरे जीवन में रंग भर देते हो।
डॉ. सुरेश पांडेय
प्रति 5 सेकंड एक व्यक्ति खोता है नेत्र
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पांडेय ने अपने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि विश्व में प्रत्येक पाँच सेकंड में एक वयस्क व्यक्ति एवं प्रति मिनट एक बच्चा अंधता के अभिशाप से ग्रस्त होता है। विश्व भर में चार करोड़ तीस लाख व्यक्ति अंधता के अभिशाप से ग्रसित हैं। आँख की कुल शक्ति 60 डायोप्टर होती है जिसमें से कॉर्निया की शक्ति 44 डायोप्टर उपयोग में होती है। इस प्रकार आँख की पारदर्शी पुतली (कॉर्निया) आँख का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में लगभग एक करोड़ 80 लाख व्यक्ति अंधेपन से ग्रस्त हैं। भारत में कुल अंधता का लगभग 1 प्रतिशत कॉर्निया ब्लाइंडनेस के कारण है। देश के एक लाख बीस हजार लोगों के दोनों आंखों का कॉर्निया अंधता की स्थिति तक खराब है और लगभग दस लाख लोगों के दोनों आँखों का कॉर्निया प्रभावित है, जिसके कारण उन्हें कम दिखता है। लगभग 68 लाख लोगों का एक कॉर्निया प्रभावित है। हर वर्ष लगभग 25-30 हजार रोगी कॉर्निया खराब होने के कारण अंधता से ग्रसित हो रहे हैं। इन सब में से लगभग 50 प्रतिशत रोगी कॉर्नियल प्रत्यारोपण (पारदर्शी पुतली के प्रत्यारोपण) द्वारा रोशनी वापस प्राप्त कर सकते हैं।हर वर्ष कम से कम दो लाख पचास हजार काॅर्निया की आवश्यकता है, परन्तु प्रतिवर्ष 50 हजार के लगभग ही नेत्रदान हो पाते है।