संजय कुमार
कोटा 7 अगस्त। स्वामी विवेकानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय महावीर नगर तृतीय में पिछले 7 दिनों से चल रहे संस्कृत सप्ताह का समापन हो गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राधेश्याम शर्मा (क्षेत्रीय मंत्री जयदेव पाठक न्यास) ने सभी भैयाओं को जानकारी देते हुए बताया कि जब दुनिया में लोगों को खाना, पहनाना भी नहीं आता था उस समय हमारे देश के भेड़ चराने वाले भी संस्कृत के गीत गाया करते थे।
उन्होंने बताया कि भारत विश्व गुरु है। भारत ने ही दुनिया को अनुसंधान करके बताया कि मक्का, ज्वार, बाजरा, चांवल यह खाने वाले अन्न है। कपास पर अनुसंधान करके बताया कि इससे कपड़े बनाए जाते हैं। शून्य का ज्ञान, दशमलव का ज्ञान, अक्षरों का ज्ञान भारत ने ही दिया। सर्वप्रथम तीन अक्षर बोले गए अ, ऊ, म, जो शिव के डमरू से निकले, जिससे ब्रह्मनाद की उत्पत्ति हुई। उन्होंने छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि पढ़ते समय जब भी सुस्ती आने लगे, कभी जीवन में कमजोर विचार आए तो ब्रह्मनाद का तीन बार उच्चारण करें, तो अपने आप को एकदम स्वस्थ, प्रसन्न पाएंगे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. महेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पूर्व 1अगस्त 24 को संस्कृत सप्ताह का प्रारंभ संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत के पत्राचार प्रमुख असिस्टेंट प्रोफेसर ललित जी नामा द्वारा किया गया। विगत सात दिनों में विद्यालय के संस्कृताचार्य रामकिशन ने विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जैसे छात्रों द्वारा संस्कृत श्लोक, संस्कृत वाचन, संस्कृत गीत, शब्द रूप, धातु रूप, तथा संस्कृत चार्ट आदि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समापन कार्यक्रम में संचालन विद्यालय के संस्कृत आचार्य रामकिशन शर्मा ने किया। आभार विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. महेश शर्मा ने किया तथा संस्कृत गीत आचार्य दीपिका गौतम ने प्रस्तुत किया तथा अतिथियों का स्वागत विद्यालय के पारी प्रभारी कमलेश नागर द्वारा किया गया।