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राजस्थान विधानसभा से कौन हुआ निलंबित, हंगामे के बीच सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर सदन से 6 महीने के लिए निलंबित

प्रमुख संवाद जयपुर

राजस्थान में विपक्ष के भारी हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित दी गई है। लाडनूं से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। भाकर के निलंबन के बाद हंगामे की स्थिति और बिगड़ गई। इसके चलते स्पीकर ने विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर के निलंबन का प्रस्ताव रखा। जिसे मंजूरी दे दी गई। गर्ग ने 5 अगस्त को निलंबन के बाद सदन से बाहर न निकलने के लिए भाकर की आलोचना की। स्पीकर के बार-बार अनुरोध के बावजूद विधायक भाकर ने बाहर जाने से इनकार कर दिया। जब मार्शलों ने दखल किया तो उन्होंने एक सुरक्षाकर्मी का हाथ भी काट लिया। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर के निलंबन के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने भाकर का निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर हंगामा किया। स्पीकर को सदन में राष्ट्रगान के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी। भाजपा विधायक संदीप शर्मा द्वारा शुरू की गई आपदा प्रबंधन पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा। उन्होंने नारे लगाए और कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग की। स्पीकर ने जोर देकर कहा कि प्रश्नकाल जारी रखने से पहले भाकर को बाहर भेजा जाए। निलंबन के बाद विधायक मुकेश भाकर ने स्पीकर पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि वे कानून मंत्री के बेटे की नियुक्ति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे। लेकिन भाजपा नेताओं ने उन्हें बीच में रोक दिया। विधायक भाकर ने कहा कि मंत्री सवालों के जवाब देने में विफल रहे और स्पीकर ने उनका बचाव किया। सदन में स्थिति तब और बिगड़ गई जब मार्शलों ने कांग्रेस की महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया। इससे मामला हाथापाई में तब्दील हो गया। इस घटना ने कांग्रेस विधायकों के चल रहे विरोध प्रदर्शन को और हवा दे दी। जो सोमवार से धरने पर बैठे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल 24 जुलाई को कांग्रेस शासन के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर को निलंबन किया गया था। उस समय संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने उनके निलंबन का प्रस्ताव रखा था। कांग्रेस विधायकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सदन के वेल में रामधुनी का जाप किया। बीच-बीच में नारे भी लगाए। कांग्रेस के विधायक मुकेश भाकर के निलंबन को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे और मंगलवार को भी उनका धरना जारी रहा। विधानसभा में गतिरोध दूर करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सोमवार को वरिष्ठ विधायकों और नेता प्रतिपक्ष से चर्चा की। लेकिन इस चर्चा का कोई नतीजा नहीं निकला और विरोध जारी रहा। विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने भाकर के निलंबन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस अराजकता के बीच आपदा प्रबंधन जैसे अन्य मुद्दों पर बहस विरोध करने वाले सदस्यों के कारण बाधित रही।

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