ज्ञात अज्ञात 146 शवों के अस्थिकलश विधि विधान से गंगा में प्रवाहित
प्रमुख संवाद
कोटा, 30 जुलाई।
कर्मयोगी सेवा संस्थान की 16 सदस्यीय 26वीं अस्थि कलश यात्रा मंगलवार को सम्पन्न हुई। संस्थान के सदस्यों ने कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में ज्ञात अज्ञात 146 शवों के अस्थिकलश विधि विधान से हरिद्वार स्थित हरकी पौड़ी पर गंगा में प्रवाहित किए। सभी दिवंगतों की आत्मशांति की कामना कर यात्रा मंगलवार को वापस कोटा लौट आई।
कर्मयोगी सेवा संस्थान कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में संस्थान परिवार के 16 सदस्यों द्वारा 28 जुलाई को हर की पौड़ी स्थित कुशा घाट पर पहुंचकर पं. हंसराज मेघराज प्रमुख नरेश प्रधान के सानिध्य में मां गंगा की गोद में 146 अस्थियों का विसर्जन करवाया गया। सभी की मोक्ष प्राप्ति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की गई।
संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी तथा अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि कोटा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से थाना अधिकारियों द्वारा विगत 8 माह में 102 अज्ञात डेड बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए सुपुर्द किया गया था। जिनमें से चार की पहचान हो जाने के कारण अस्थियां परिजनों को सुपुर्द करने के पश्चात 98 अस्थियां शेष रह गई थी। साथ ही, विगत 8 माह में शहर के विभिन्न वार्डों में निवास कर रहे जरूरतमंद निराश्रित परिवारों के 46 दिवंगत व्यक्तियों की कर्मयोगी सेवा संस्थान द्वारा विधिवत अंतिम संस्कार करने के लिए व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई थी। अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार जाने में असमर्थ परिजनों द्वारा अस्थियां संस्थान के सुपुर्द कर दी गई थी। जिनको किशोरपुरा मुक्तिधाम पर स्थापित अस्थि कलश स्थल पर एकत्रित किया गया था।
संस्था अपनी स्थापना 3 सितंबर वर्ष 2007 से ही हरिद्वार हरकी पौड़ी पर अस्थि विसर्जन का कार्य संपन्न करती आ रही है। वर्ष में दो बार अस्थि विसर्जन किया जाता है। अब तक 26वीं अस्थि कलश यात्रा के माध्यम से 146 अस्थि कलश के साथ ही दक्षिण महापौर राजीव भारती के द्वारा दी सूचना पर दो दिवंगत वानर का भी अंतिम संस्कार किया गया था। इनकी भी अस्थियां इन 146 में सम्मिलित की गई थी। 28 जुलाई 2024 तक संस्थान द्वारा हरिद्वार हरकी पैड़ी पर 6525 अस्थियां विसर्जित हो चुकी है।
वहीं 26वीं अस्थि कलश यात्रा में संस्थान परिवार के पदाधिकारी हेमंत सिंह, कुसुम सिंह, कमल सिंह सोलंकी, नंदकंवर सोलंकी, लक्ष्मी नारायण गर्ग, महावीर जैन, नरोत्तम सुमन, राजेश सुमन, संजय डोगरा, महावीर सुमन, नीलम शर्मा, मदन गोपाल मिश्रा, तुलसी बाई, लकी गंगापुर वाले द्वारा विधि विधान के साथ विसर्जन करवाया गया।