आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम धरोहर, इसके संरक्षण और संवर्द्धन का हो प्रयास – संदीप शर्मा
संजय कुमार
कोटा, 25 जुलाई। राजस्थान विधानसभा में विधायक संदीप शर्मा ने आयुर्वेद व होम्योपैथिक चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार की मांग की। विधायक ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद हमारे धर्म और संस्कृति में यह देवताओं की दी हुई थी जिसे हमारे देश के ऋषि मुनियों ने संकलित किया। जीवन पद्धति कैसी हो तथा केैसे हम स्वस्थ रहते हुए लंबी आयु जी सकें। चिकित्सा पद्धति का यह मुख्य उद्देश्य रहा है। 2014 से 21 जून से प्रारंभ योग दिवस को विश्व के अधिकांश देश योग से प्रभावित होकर योग दिवस के रूप में मनाने लगे है। भारत में 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना की गयी। 150 से भी अधिक देशो में आयुवेैदिक औषधियों का निर्यात किया जा रहा है। केन्द्र सरकार 2014 से लगातार आयुर्वेद के महत्व को समझते हुए इसके व्यापक प्रसार तथा देश विदेश के लोगो को लाभ पहुंचे इस और गंभीर प्रयास करते हुए प्रत्येक वर्ष इस बजट में बढोत्तरी कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि काग्रेस सरकार में आयुर्वेद चिकित्सा पद्वती की घोर उपेक्षा की गई। आयुर्वेद चिकित्सालयों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नही करवा सके। दवाईयां उपलब्ध नही करवा पाये। इन अव्यवस्थाओं के चलते आयुर्वेद चिकित्सालयों के आउटडोर में लगातार कमी आयी है। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, आयुर्वेद विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी व औषधि नियंत्रक आदि के पद रिक्त ही पडे रहे। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रदेश में 6 आयुर्वेद काॅलेज की घोषणा तो की गई पर उनमें से कई काॅलेजो में भवन व लेबारेट्री नहीं बना पाये, न स्थाई स्टाफ लगा पाये।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में वर्षो से बंद पड़ी अजमेर, भरतपुर, केलवाला बांरा, उदयपुर की रसायन शालाओं का आटोमेशन करते हुए इन्हें 15 करोड़ का बजट जारी करके इन्हें पुनर्जीवित करने का काम किया है। इससे प्रदेश में आयुर्वेद की दवाईयां की कमी को पूरा किया जा सकेगा। भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में एक ओर अजमेर में योग एवं प्राकृतिक विश्वविधालय की स्थापना के साथ साथ कई आयुर्वेद चिकित्सालयों क्रमोन्नत किया गया है। भाजपा सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चितित है।
विधायक शर्मा ने सदन में मांग की है कि कोटा में महावीर नगर, आर.के.पुरम, सुभाष नगर, दादाबाडी और गुमानपुरा में नये आयुर्वेद औषधालय खोले जाये। कोटा में वर्तमान आयुर्वेद महाविद्यालय का उदघाट्न कर इसमें स्थाई शिक्षक एवं अन्य पदों पर नियुक्तियां की जाये ।
उन्होंने हाॅम्योपैथिक चिकित्सा को बढावा देने के लिये संभाग स्तर पर हाॅयोपैथिक मेडीकल काॅलेज खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि ने सभी पेटेन्ट औषधियां आर.जी.एच.एस. में लाभार्थियों को उपलब्ध हो, इसके लिये पूर्व की लिस्ट में नियमों में संशोधन, होम्योपथी को भी आरजीएचएस मे प्रभावी ढंग से लागू करने तथा प्रदेश के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र पर होम्योपैथिक चिकित्सको के पद सृजित कर शीघ्रता से नियुक्तियाँ प्रदान की जाये ताकि प्रदेश के सभी आमजन को सस्ती सुलभ एवं दुष्परिणाम रहित चिकित्सा पद्धति का लाभ मिल सके।