कोटा सम्भाग में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंको की कार्यशाला सम्पन्न
बैंको की गुड गवर्नेंस को प्रभावी बनाएगा प्रशिक्षण — राष्ट्रीय अध्यक्ष फेडरेशन, लक्ष्मीदास
संजय कुमार
कोटा, 20 जुलाई। नेशनल एवं राज्य स्तरीय अर्बन को—आॅपरेटिव बैंकों के फेडरेशन के तत्वाधान में कोटा संभाग में 6 अर्बन को—आॅपरेटिव बैंक की प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन शनिवार को डीसीएम रोड़ स्थित एक नीजि होटल में किया गया। प्रशिक्षण कार्याशाला में संभाग 6 अर्बन को—आॅपरेटिव बैंकों के अध्यक्ष,संचालक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर नेशनल फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मीदास, हरीश वेदी सहायक महाप्रबंधक भारतीय रिर्जव बैंक, डायरेक्टर राज.अर्बन को—आॅपरेटिव बैंक फेडरेशन के निदेशक राजेश कृष्ण बिरला व हरगोविंद जैन,नेशनल फेडरेशन के सलाहकार सुभाष गुप्ता,मुख्य कार्यकारी अधिकारी फैडरेशन एम एल शर्मा मंचासीन रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला में गुड गवर्नेंस, आर्डिट की आवश्यकता व महत्व,टेक्नोलॉजी, कम्पलाईंस, साइबर सिक्योरिटी, क्रेडिट रिक्स के बारें मे बैंक के अध्यक्ष व संचालकों ने समझा गया। कार्यक्रम का संचालन एम. एल. शर्मा ने किया। हरिश वेदी व सुभाष गुप्ता ने डिजिटल प्रेजेंटेशन से अपनी बात उपस्थित लोगो दो सेशन में समझाई। इस अवसर पर कोटा नागरिक सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक बिजेन्द्र शर्मा, वरिष्ट उपाध्यक्ष हेमराज सिंह हाडा,निदेशक महेन्द्र शर्मा, अशोक मीणा, नवनीत जाजू सहित कई संचालक उपस्थित रहे।
गुड गवर्नेंस है जरूरी
नेशनल फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मीदास ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य संचालकों व बैंक अध्यक्षों को बैकिंग गवर्नेंस को सुदृड़ बनाया जा सके। सभी निर्वाचित संचालक अलग—अगल क्षेत्रों के महाराथी होते है ऐसे में बैंकिंग गवर्नेंस की जिम्मेदारियों से उन्हे अवगत करवाया गया।
उन्हे आबीआई की अपेक्षाओं के बारें में विस्तार से बताया। यह प्रशिक्षण कुशल बैंकिंग,अनुशासन सुनिश्चित करने और गुड गवर्नेंस को प्रभावी बनाने के लिए आयोजित की गई। उन्होने बताया कि राजस्थान में यह जोधपुर व उदयपुर के उपरांत तीसरी कार्यशाला कोटा में आहुत हुई है। देश भर में 6 लाख करोड़ अर्बन बैंकों जमांए है,3.50 लाख करोड़ लोन,18 हजार डायरेक्टर है और देश के कुल मार्केट शेयर का 3 प्रतिशत अर्बन बैंकों के पास है।
अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ
अर्बन को—आॅपरेटिव बैंक फेडरेशन के निदेशक राजेश कृष्ण बिरला ने अपने उद्बोधन में कहा कि को-ऑपरेटिव बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये न केवल वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि समावेशी विकास, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी कहना भी उचित है। उन्होने कहा कि देश में बेरोजगारी को दूर कर रोजगार सृजन में प्रभावशील है। जो लोग सरकारी या अन्य निजि बैंको से ऋण प्राप्त नहीं कर पाते है उन्हे कॉपरेटिव बैंक आरबीआई के नियमों के अधीन लोन देकर अर्थव्यवस्था को सक्रिय करने का कार्य करती है।
इन्होने लिया हिस्सा
मुख्य कार्यकारी अधिकारी फैडरेशन एम एल शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में कोटा नागरिक सहकारी बैंक, कोटा महिला नागरिक सहकारी बैंक,बारां, नागरिक सहकारी बैंक झालावाड़, नाागरिक सहकारी बैंक भवानीमण्डी, सवाईमधोपुर अर्बन कॉपरेटिव बैंक, बूंदी अर्बन कॉपरेटिव बैंक,राजस्थान अर्बन कॉपरेटिव बैंक फैडरेशन ने हिस्सा लिया।