देवनारायण आवासीय योजना में समस्याओं को लेकर निवासियों ने की त्वरित समाधान की मांग
संजय कुमार
कोटा, 10 जून। देवनारायण पशुपालक एकीकृत आवासीय योजना के निवासियों ने कोटा विकास प्राधिकरण को ज्ञापन सौंपा, जिसमें कॉलोनी में हो रही विकट समस्याओं का उल्लेख किया गया है। उपमहापौर पवन मीणा के नेतृत्व में निवासियों ने विभिन्न मुद्दों पर त्वरित समाधान की मांग की है।
उपमहापौर पवन मीणा ने बताया कि कॉलोनी में पानी की आपूर्ति केवल सुबह और शाम 10-10 मिनट के लिए हो रही है, जबकि इसे कम से कम 2-2 घंटे तक मिलना चाहिए। इस स्थिति के कारण पशुओं के पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है और निवासियों को निजी खर्चे पर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है, जो नगर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि गोबर गैस प्लांट पिछले 2 महीने से बंद है, जिससे सड़कें और नालियां जाम हो गई हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। बिजली की स्थिति भी खराब है, खुले ट्रांसफार्मर निवासियों और मवेशियों के लिए खतरा बने हुए हैं।
देवनारायण योजना के अध्यक्ष किरण लांगड़ी ने बताया की कॉलोनी में सामुदायिक स्वास्थ्य भवन और पशु चिकित्सालय तैयार है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण निवासियों को निजी खर्चे पर चिकित्सक बुलाने पड़ रहे हैं। उद्यानों में एक भी पेड़-पौधे नहीं लगाए गए हैं, जिससे हरियाली का अभाव है।
रोटेसरा दूध डेयरी प्लांट कार्यरत होते हुए भी कॉलोनी के पशुपालकों से दूध नहीं ले रहा है, जिससे उन्हें कोटा शहर में जाकर दूध बेचना पड़ता है और प्रति फेरा 200-300 रुपए का अतिरिक्त खर्च आ रहा है। डेयरी प्लांट और नगर विकास प्राधिकरण के समझौते के तहत 50 पैसे प्रति अतिरिक्त वसा पर दूध लेने का प्रावधान है, लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है।
इसके अलावा, कॉलोनी में करीबन 700 – 800 परिवार निवासरत हैं, जिनकी जनसंख्या 3000-3500 है, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। निवासियों ने इन परिवारों को राशन कार्ड में दर्ज करवाने और रानपुर थाना क्षेत्र में एक एंबुलेंस की व्यवस्था की मांग की है, जिससे आपातकालीन स्थिति में कोई समस्या न हो।
ज्ञापन में उपमहापौर पवन मीणा ने निवासियों की समस्याओं को संज्ञान में लेने और त्वरित कार्यवाही की मांग की है, ताकि आम जन में सरकार के प्रति विश्वास बना रहे। उक्त मौके पर पार्षद धनराज चेंची वा सोनू भील, आवासीय योजना अध्यक्ष किरण लांगड़ी, उपाध्यक्ष भागचंद, श्रवण गुर्जर , उमरा गुर्जर, सत्तू गुर्जर, जीवराज गुर्जर सहित अन्य पशुपालक मौजूद रहे।