श्री मथुराधीश मंदिर में डोल उत्सव , अबीर गुलाल से ठाकुर जी खेलेंगे होली
संजय कुमार
कोटा, 23 मार्च। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीमथुराधीश मंदिर पर बसंत पंचमी से शुरू हुई फाग उत्सव की धूम होली के दिन पर चरम पर होगी। प्रथम पीठ युवराज बावा मिलन कुमार गोस्वामी ने बताया कि बसंत पंचमी से 40 दिन तक फाग महोत्सव मनाया जाता है। होली पर डोल उत्सव मनाया जाएगा। यह श्रीचन्द्रावली जी का प्रधान उत्सव माना जाता है। डोल उत्सव से पूर्व रविवार को प्रभु को अभ्यंग किया जाएगा। वहीं सोमवार को प्रातः 5 बजे मंगला के दर्शन होंगे। इसके बाद 11 बजे से दर्शन प्रारम्भ होंगे।
मिलन बावा ने बताया कि डोल उत्सव पर सोमवार को पूरे दिन प्रभु की सेवा चलेगी। मन्दिर में अबीर, गुलाल, चोवा, चंदन छिड़का जाएगा। उत्सव के दौरान चार भोग चढ़ाए जाएंगे। राजभोग में गुड़ के पूडले का भोग लगाया जाएगा। देहली पर बंदनवार सजेगी। इस दौरान टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों के बौछार से गीली होली मनाई जाएगी और होली के रसिया का गायन होगा।
मिलन कुमार बाबा ने बताया कि डोल उत्सव प्रभु से फिर से जुड़ने का अवसर है। डोल का अर्थ लता, फूल, पत्तियों से बना झूला है। जिस पर ठाकुर जी श्रीस्वामिनी जी के साथ झूलते हैं। जबकि गोपिया श्री प्रभु पर और एक दूसरे पर टेसू का जल, अबीर गुलाल आदि छड़कती हैं। डोल का संदेश है कि प्रभु भक्तों के हृदय में झूलते हैं। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी से शुरू हुए 40 दिवसीय उत्सव में प्रतिदिन प्रभु को अबीर गुलाल से होली खिलाई जाती है। होली वसंत को चरम पर पहुंचाने का उत्सव है।