सीएए लागू करना मानवता का महान पुनीत कार्य,इसका खुले दिल से स्वागत करें – अरविन्द सिसोदिया
संजय कुमार
कोटा 14 मार्च । राजस्थान भाजपा मीडिया विभाग के कोटा संभाग संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें सीएए को लेकर विपक्षी दलों के विरोध पर करारा जवाब देते हुए कहा है कि “ सीएए पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का विरोध, झूठ की बाजीगरी है जिसका सच से कोसों दूर तक का कोई वास्ता नहीं है। इनके बयानों में सिर्फ और सिर्फ झूठ भरा हुआ हैं।“ उन्होनें कहा कि ” सीएए महामहिम राष्ट्रपति महोदया के हस्ताक्षर के साथ ही देश का कानून बन चुका है। इसका विरोध सांप्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दलों के द्वारा चुनावी लाभ के लिए, छल ; कपट झूठ और भ्रम पर आधारित है। जिसे देश भी जानता है और वे दल स्वयं भी समझते हैं।“
सिसोदिया नें कहा है कि “ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहुत स्पष्टता से कहा है कि सीएए संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है। साथ ही केवल केंद्र सरकार को ही नागरिकता से संबंधित कानून बनाने और उन्हें लागू करने का अधिकार है। इसलिये इसे कोई भी राज्य लागू करने से इंकार भी नहीं कर सकता , यह देश में लागू हो चुका है,यही सत्य है।
कोटा संभाग संयोजक सिसोदिया नें कहा भारत वह देश है जिसमें पूर्व में भी दुनिया भर के साम्प्रदायिकता के आधार पर सताये गये लोगों का आपनी गोद में जगह दी , सम्मान दिया और स्वाभिमान से जीने का अवसर दिया है। भारतीय संस्कृति अहिंसा, करुणा,दया और ममता का सागर है। मानवता हमारी श्रेष्ठता है। वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी सरकार के द्वारा पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिकता के आधार पर सताये गये उन लोगों को नागरिकता दी गई है। जो 31 दिसम्बर 2014 से भारत में शरण लिए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी नें यह मानवता का पुनीत कार्य है, इसकी प्रशंसा होनी चाहिये, विरोध की कोई वजह ही नहीं है।
विपक्षी दल झूठ की राजनीति कर रहे
सिसोदिया नें कहा कि असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी सहित सभी विपक्षी दल चुनावी लाभ के लिए भ्रम और झूठ की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि हम सीएए लाएंगे और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के शरणार्थियों को नागरिकता देंगे। इस वादे को मोदी सरकार नें पूरा किया गया है, इस मानवीय निर्णय को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी को पूरा देश धन्यवाद ज्ञापित कर रहा है।