स्काउट गाइड के संस्थापक बेडेंन पावेल दंपत्ति की जयंती मनाई
संजय कुमार
कोटा 22फरवरी। राजस्थान राज्य भारत स्काउट एंड गाइड ग्रुप राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आवासन मंडल केशवपुरा एवं स्थानीय संघ कोटा दक्षिण की ओर से गुरुवार को केक काटकर स्काउटिंग के जन्मदाता लॉर्ड बेडेन पावेल दंपत्ति की जयंती मनाई गई। वहीं स्काउटिंग को जानो, दौड़, सिर संतुलन, बाधा दौड़, क्विज आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक राज्य संगठन आयुक्त दिलीप माथुर थे। अध्यक्षता सीओ स्काउट बृजसुंदर मीणा ने की। विशिष्ट अतिथि सीओ गाइड प्रीति कुमारी, समाज सेविका मधुबाला मोदी, वरिष्ठ अध्यापक ममता आठोडिया थे। इस अवसर पर भारत स्काउट और गाइड के ध्वज को फहराकर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई। इसके बाद संगठन के जन्मदाता वेडन पावेल व उनकी पत्नी के तैलीय चित्र पर स्काउट गाइड व पदाधिकारी के द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए दिलीप माथुर ने कहा कि स्काउट गाइड का प्रशिक्षण बच्चों के लिए काफी लाभकारी है। जहां बच्चों में प्रशिक्षण से मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति आती है। वहीं बच्चे समाज के प्रति काफी संवेदनशील हो जाते है। बृजसुंदर मीणा ने कहा कि स्काउटिंग गाइडिंग के जन्मदाता लॉर्ड रॉबर्ट स्टीफेंसन स्मिथ बेडेन पावेल का जन्म 22 फरवरी 1857 को हुआ था और उनकी पत्नी मिसेज ओवल सेंट क्लेयर बेडेन पॉवेल का जन्म 22 फरवरी 1889 को हुआ था। पति एवं पत्नी दोनों के जन्मदिवस 22 फरवरी के संयोग को स्काउटिंग में चिंतन दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस वर्ष चिंतन दिवस का थीम “हमारी दुनिया हमारा समृद्ध भविष्य: पर्यावरण और वैश्विक गरीबी” है।
संचालन करते हुए प्रकाश जायसवाल ने बताया कि स्काउटिंग की स्थापना 1907 ई० में इंग्लैंड में हुई थी। जो अब विश्व के 216 से अधिक देशों में एक नियम और प्रतिज्ञा के साथ कार्य कर रहा है। इस तरीके से स्काउट गाइड युवाओं का विश्व स्तरीय सबसे बड़ा संगठन है। जिसका उद्देश्य छात्रों और युवाओं में सामाजिक, नैतिक और राष्ट्रीय भावना जागृत कर राष्ट्र के विकास के लिए तैयार करना है।
इस अवसर पर भामाशाह विनीता राय की ओर से बच्चों को जूतों का वितरण किया गया। कब बुलबुल को स्कार्फ, बोगल, बेल्ट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर उदय सिंह गुर्जर, राकेश कसेरा, प्रवीण शर्मा, मीनाक्षी महावर, नीलम पारेता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।