कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में उठाया अवैध मांस की दुकानों का मामला
संजय कुमार
जयपुर, 23 जनवरी। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कोटा शहर में धार्मिक स्थानों व सार्वजनिक स्थान पर खुले में मांस बिक्री एवं अवैध मांस की दुकानों के कारण लोगों को हो रही परेशानी का मामला विधानसभा में उठाया है और इस पर उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की है। विधायक शर्मा ने राजस्थान विधानसभा की प्रकिया तथा कार्य संचालन सम्बन्धी नियम 295 के तहत राज्य सरकार का ध्यान कोटा शहरवासियों से जुड़ी एक प्रमुख समस्या की और आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि कोटा शहर कोचिंग हब होने के कारण कोटा को शैक्षणिक नगरी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कोटा शहर के कई धार्मिक स्थलों, घनी आबादी क्षेत्रों मुख्य बाजारों, शिक्षण संस्थाओं के आसपास व सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से खुले में संचालित मांस की दुकाने से कोटा का नाम खराब हो रहा है। मांस विक्रेता बिना लाइसेंस के कई स्थानों पर खुले में मांस की ब्रिकी से आम नागरिकों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अवैध रूप से संचालित मांस की दुकानों के कारण जल स्रोत भी प्रदुषित हो रहे है, अवैध रूप से अतिक्रमण हो रहे हैं वहीं हमारी संस्कृती खुले में मांस बिक्री की नहीं रही है। कोचिंग विद्यार्थियों, अभिभावको एवं आमजन पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। देशभर में कोटा की नकारात्मक छवि बनती है परन्तु बिना लाईसेंस के ही आधिकांश मांस की दुकाने पिछले 5 वर्षों में जिनकी जांच नहीं होने के कारण हर स्थान पर दुकाने लगा दी गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि इन्हें बढावा दिया है जिससे अवैध मांस की दुकानों की संख्या बढती चली गई। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि कोटा में लोगों के लिये स्वच्छता व स्वास्थ्य संबधि समस्याऐं पैदा हो गई है। लोगों को बहुत अप्रिय स्थिति से आम जन को निकलना पडता है। उन्होंने विधानसभा में आमजन की आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि दुकाने बिना लाईसेंस के संचालित हो रही है, उनकी जांच करवाने की महती आवश्यकता है और समय समय पर लाईसेंस धारकों के द्वारा बेचे जाने वाले मांसाहारी खाद्य पदार्थों की जांच करवाई जाये। तथा अवैध मांस, मछनी की दुकानों को तुरन्त प्रभाव से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि लोग लम्बे समय से इन मांस की दुकानों को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार में इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं, ऐसे में अब इन अवैध दुकानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।