राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण जागरूकता कार्यशाला आयोजित
संजय कुमार चौबीसा
कोटा, 14 दिसंबर। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में दिनांक 14 दिसम्बर को महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण तथा निवारण पर विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं एवं कार्यरत स्टाफ़ व शिक्षकों के लिए एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों व शिक्षकों ने भाग लिया। जनसंपर्क अधिकारी डॉ. एस. डी. पुरोहित ने बाताया कि महिलाओं में जागरूकता के उदेश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफ़ेसर एस के सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफ़ेसर एस के सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह हम सभी का दायित्व है कि महिलाओं को कार्य स्थल पर पूरी तरह सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो। जिससे वे कार्यस्थल पर सहज अनुभव करें। कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम महिलाओं के समानता के मौलिक अधिकारों की पुष्टि करता है। इसके तहत उन्हें पूरी गरिमा और अधिकार के साथ समाज में रहने, किसी व्यवसाय, व्यापार या कार्य को करने की स्वतंत्रता है, जिसमें भारतीय संविधान के अनुसार, कार्य स्थल का वातावरण पूरी तरह सुरक्षित और यौन शोषण रहित होना भी शामिल है। सुरक्षित कार्य वातावरण का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए। हमारे देश में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल बनाने के उद्देश्य से विभिन्न विधिक प्रावधान किये गए है। दुर्भाग्य से कठोर कानूनों के लगभग एक दशक बाद भी, यौन उत्पीड़न के मामले महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए खतरा बने हुए हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कारणों को समझना कार्यस्थल पर इसे रोकने की दिशा में एक आवश्यक कदम है। उन्होंने जागरूकता पैदा करने और महिलाओं को आवाज उठाने और उनके खिलाफ होने वाले किसी भी उल्लंघन की शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता भी दोहराई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डीन फ़ैकल्टी अफेयर्स प्रोफ़ेसर ए के द्विवेदी ने बताया कि आज महिलाएँ पुरुषों से आगे निकलकर देश का नाम रोशन कर रही है तथा चाँद तक पहुँच रही है। देश की राष्ट्रपति भी एक महिला हैं तथा अपना कार्य कुशलता पूर्वक कर रही हैं। सरकार इस तरह के क़ानून ला कर महिलाओं को कार्यक्षेत्र में सुरक्षा प्रदान कर रही है । उन्होंने कहा कि इस क़ानून के आने के पश्चात् महिलाएँ पुरुषों के साथ निर्भीक होकर कंधे से कंधा मिलाकर बराबर कार्य कर रही है। प्रत्येक कार्यरत महिला एवं पुरुष को इस क़ानून की पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरुण कुमार शर्मा एवं अधिवक्ता श्रीमती कल्पना शर्मा ने कार्यक्षेत्र में महिला उत्पीड़न से संरक्षण व निवारण हेतु समस्त क़ानूनी संबंधी जानकारियाँ दी। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफ़ेसर मनीषा व्यास एवं डा.हरीश शर्मा रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुनीता चाहर ने किया एवं अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती लता गिडवानी ने किया। इस कार्यक्रम में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय सदस्यों ने भाग लिया।