कार्तिक पूर्णिमा को क्यों मनाई जाती है देव दीपावली, इसके पीछे क्या धारणा और महत्व है जाने?
Sanjay Chobisa, 27 Nov 2023
देव दीपावली का पर्व दिवाली के 15 दिनों बाद मनाया जाता है, जिस दिन ये त्योहार होता है उस दिन कार्तिक पूर्णिमा होती है। इस बार पंचाक भेद होने की वजह से पूर्णिमा आज और कल दोनों दिन है लेकिन आज पूर्णिमा तिथि दोपहर बाद प्रारंभ हुई है।
इसलिए इसका व्रत सोमवार को रखा जाएगा लेकिन दीपावली का पर्व आज ही है, हालांकि कुछ लोग इसे कल भी सेलिब्रेट करेंगे। ये दिन बेहद ही पावन है, कहते हैं इस दिन पूजा करने से इंसान के सारे कष्टों को अंत हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस खास पर्व को ‘त्रिपुरारी’ पूर्णिमा और ‘त्रिपुरोत्सव’ भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, इस दिन को लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं और माना जाता है कि इसी उत्सव में शामिल होने के लिए दुनिया के समस्त देव काशी घाट पर गंगा स्नान के लिए आते हैं और इसके बाद गंगा घाट पर दिवाली मनाते हैं।
इसी वजह से इस दिन काशी के घाटों को दीपों से सजाया जाता है और गंगा आरती की जाती है। देवों की दिवाली होने की वजह से ही इसे देव दीपावली कहा जाता है। इस खास दिन भगवान शिव और विष्णु दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है और पूजा के अंत में दोनों की आरती की जाती है।